29 रजब को चांद नजर आने का शरई सबूत प्राप्त हो गया, शब-ए-बारात 13/2025फरवरी को मनाई जाएगी।


रांची: एदार ए शरीया झारखंड के नाजिमे आला मौलाना मुहम्मद कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा है कि 29 रजब 1446 हिजरी को मौसम साफ होने के बावजूद झारखंड, बिहार, बंगाल, उडीशा, छत्तीसगढ व देश के अधिकांश भागों में आदी में शाबान-उल-मुअज्जम का चांद नजर नहीं आया। हालांकि राजस्थान, गुजरात और आंध्र प्रदेश में आम तौर पर चांद नजर आने की सुचना मिली जिस के बाद तसदीक शुरू हुवी और यह स्पष्ट है कि शरीयत का फैसला यह है कि काजियाने शरीयत के पास दो न्यायसंगत व्यक्तियों की गवाही पर ही निर्णय लेना चाहिए। विश्वसनीय एदार ए शरिया प्रमाण के बिना केवल टेलीफोन और मीडिया से प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्य नहीं करता और ये जायज़ भी नहीं है,एदार ए शरिया एक जिम्मेदार एदारा है जो शरियत द्वारा निर्देशित होती है उसी आधार पर निर्णय लिया जाता है और एदारा मुस्लिम समुदाय को सत्य व शरई मार्गदर्शन कराता है, शरीयत की आवश्यकताओं के अनुसार ऐसा इसलिए है क्योंकि जिन लोगों ने व्यक्तिगत रूप से चाँद देखा है, उनमें से सबसे प्रतिष्ठित केंद्रीय एदार ए शरीया पटना के काजीयों और मुफ्तियों की उपस्थिति में 29 को चाँद देखे जाने की गवाही दी गई है जिसे काजीयों ने स्वीकार किया और उन्होंने 29 को चांद नजर आने देखे तसदीक व घोषणा की। उस के उपरांत केंद्रीय एदार ए शरीया पटना के दो मुफ्तियों के माध्यम से झारखंड के दारुल कजा एदार ए शरीया के काजीयों के समक्ष शरई प्रमाण गवाही प्रस्तुत किया गया ! शरई सबूत पेश किए जाने के बाद मौलाना कुतुबुद्दीन रिवी की अध्यक् में हुवी बैठक में यह विधिवत घोषणा और निर्णय लिया गया कि आगामी 13 फरवरी 2025 गुरूवार को शाबान अल-मुअज्जम महीने की 14 तारीख होगी और 14 तारीख को दिन गुजार कर आने वाली रात के “शबे बारात” है। इस अवसर पर नाज़िम-ए-आला ने कहा कि दारुल कज़ा एदार ए शरीया झारखणड बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और अन्य ज़रूरी जगहों पर शरई शहादत हासिल कराए जा रहे हैं। नाज़िम-ए-आला ने सभी मुस्लिम मर्दों, औरतों, नौजवानों और बच्चों से कहा है कि वे बहुत ही समर्पित, सम्मानीय और शरियत का पालन करते हुवे”शब ए बरात”” को विधि-विधान एवं अकीदत से मनाएं तथा जहां फातिहा, नजर व नियाज तथा अन्य धार्मिक समारोह आयोजित किए जाते हैं, वहां कब्रिस्तानों में जाने तथा रात में जागकर इबादत तथा तस्बीह व तहलील की रस्में अदा करन नफ्ल नमाज़ें पढें,तफरीह और आतिशबाजी,मनोरंजन से दूर रहें।
आज की बैढक में मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मुफ्ती एजाज हुसैन मिस्बाही, मुफ्ती जमील अहमद मिस्बाही, कारी अय्युब, मौलाना डॉक्टर ताजुद्दीन रजवी, मौलाना कलीमुद्दीन मिस्बाही, मौलाना नेजामुद्दीन मिस्बाही, मुफ्ती आकिब जावेद मिस्बाही, मौलाना शमशाद मिस्बाही, मौलाना नूर आलम फैजी, कारी तालिब रजा वारसी,कारी जावेद हुसैन, कारी शौकत बरकाती,मौलाना फारूक मिस्बाही, मौलाना मसूद फरीदी, हाफिज ए मोबीन नाजिश, मौलाना नसीमुद्दीन ताज रांचवी, मौलाना आबिद हुसैन फैजी,मौलाना हुसैन हबीबी आदी शामिल थे!