सोशल मीडिया: तथ्यों से परे…. फिर भी हम खड़े।कभी कभी अधिकारी भ्रामक खबर के कारण होते हैं कार्रवाई का शिकार।



Ranchi : देश में मीडिया की अपनी ही एक गरिमा है।इस गरिमा को बरकरार रखना प्रत्येक मीडिया घरानों और मीडिया कर्मियों की प्राथमिकता में शामिल रहता है। खासकर देश की अस्मिता एवं अखंडता को बरकरार रखना। गलतियों को इंगित कर सुधार की गुंजाइश रखने में भी मीडिया की बड़ी भूमिका समझी जाती हैं। परंतु हाल के दिनों में पटल पर आई सोशल मीडिया की बाढ़ ने खबर और सम सामायिक घटनाओं का स्तर तक गिरा दिया है। इक्का दुक्का रिप्यूटेड सोशल मीडिया को छोड़ दें तो अधिकांशतः सोशल मीडिया के कर्ता धर्ता महज अपनी रोटी सेंकने और टीआरपी बढ़ाने के लिए किसी को मोहरा बनाकर बदनाम करने में कोई कोर कसर छोड़ नहीं रहे हैं। चाहे वह किसी व्यक्ति के मान मर्दन की बात हो अथवा सामाजिक काम कर रही संस्था का। समाज में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के नाम को बदनाम करने वाले सरकार के सकारात्मक कार्यों को भी निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे। एक तरफ जहां देश स्तर पर आम जनों के बीच केंद्र और राज्य सरकार योजनाऐं संचालित कर रही हैं। एक ओर केंद्र सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा के नाम से कार्यक्रम चला रही हैं। वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम। लेकिन कुछ कतिपय सोशल मीडिया के कर्ता धर्ताओं को सरकार के इन कार्यक्रमों में भी त्रुटियां ही नजर आ रही हैं। अपनी टीआरपी और आमदनी बढ़ाने के लिए यह किसी भी स्तर तक गिरने के लिए तैयार हैं। अभी हाल ही में चतरा जिले के टंडवा प्रखंड के गाड़िलोंग पंचायत में विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के निजी सलाहकार का आगमन हुआ था।लोगों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी और सरकारी मापदंडों के आधार पर चयनित लाभुकों के बीच वितरण कर रहे थे। उसी दौरान सरकारी मापदंडों एवं पात्रता से अनभिज्ञ सोशल मीडिया पर टीआरपी बढ़ाकर कमाई करने वालों ने नादान लोगों को गुमराह कर गलत बयानबाजी कराकर सरकार की जागरूकता अभियान को मटियामेट करने की पुरजोर कोशिश की। इसी प्रकार का एक अन्य मामला चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड मुख्यालय में आयोजित आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सभा में भी देखने को मिली। सभा के दौरान कई योजनाओं को क्रियान्वित करने के साथ साथ सरकार की योजनाओं की जानकारी खुली सभा में लाभुकों को दी जा रही थीं। सभा में जिले के सभी अधिकारी के साथ साथ योजनाओं का लाभ ले चुके लाभुक और भारी संख्या में आम जनता शामिल थीं।चूंकि कार्यक्रम मुख्यमंत्री का था,तो सभा में किसी की आने की मनाही नहीं थी। मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज जो कुछ प्रशासनिक व्यवस्था लाजमी थी,उसका पालन किया गया था। ताकि आम जनता और मुख्यमंत्री को सुरक्षा के ख्याल से परेशानी न हो।जिसका फायदा कुछ सोशल मीडिया के संचालकों द्वारा किसी को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का वीडियो चलाकर सुर्खियां बटोरी गई। यह कार्य आमजनों की जागरूकता या उनकी परेशानियों को हल करने के लिहाज से नही था बल्कि उनकी नादानियों को आगे कर सुर्खिया बटोर गाढ़ी कमाई का था । ज्ञातव हो की किसी भी न्यूज की पुष्टि तब होती है जब वह नियमसंगत खबरें पूर्ण हो लेकिन सोशल मीडिया यूजर ने जो झारखंड सरकार की योजनाओं का नकारत्मक खबर चलाया उसमे जिन लाभुकों को एडिटेड चलचित्र के माध्यम से दिखाया गया उसमे स्पष्ट देखा जा सकता है कि खबरे पूर्ण नहीं है। वीडियो में ना तो लाभुक का नाम पता या पात्र हैं। चलाए गए वीडियो में यह दिखाया गया कि जो भी योजनाएं बताई जा रही हैं उसका लाभ उन्हे नहीं मिला। ज्ञात होगा कि केंद्र की योजना हो अथवा राज्य सरकारों की। इससे जुड़े अधिकारी सरकार की योजनाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं,ताकि आम लोगों तक उनका हक पहुंच सके। यह विदित हो कि कोई भी सरकारी योजना कोई मंदिर का प्रसाद नहीं कि हांथ फैलाया और मिल गया। योजनाओं को पाने के लिए सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है और हकदारों तक उनका हक पहुंचता है।सरकारी योजनाओं और जागरूकता अभियानों को केंद्र और राज्य की सरकारें अपने अपने स्तर से संचालित करती हैं। ताकि जनता किसी बिचौलियों के चक्कर में न पड़े और केंद्र सरकार के विश्व गुरु के सपने को साकार करने में लगी केंद्र की सरकार के साथ साथ राज्य सरकार के विकास में भागीदार बन सकें।लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि लोगों तक संचार और सूचनाओं के प्रसारण के रूप में बनाए गए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का नकारात्मक उपयोग कर सरकारी योजनाओं और जनता के बीच बाधक बन कर महज अपनी कमाई में लगे हैं और जनता तक सूचनाओं के लिए बनाए गए इस माध्यम की नियमों को धज्जियां उड़ा रहे हैं जो नियम संगत नहीं है।
सोशल मीडिया में भ्रामक खबर के प्रकाशन से अधिकारी व प्रशासन का जांच में कीमती समय होता है व्यर्थ
कुछ दिन पहले चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड के पंचायत में आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन अधिकारियों के नेतृत्व में आम जनों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु किया गया। लेकिन सोशल मीडिया पर खबरों को इस तरह परोसा गया। जैसे लग रहा था कि प्रखंड के अधिकारियों द्वारा अनियमित्ता बरती जा रही हो हालांकि जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी वरीय अधिकारियों द्वारा जांच कराई। जांच में मामला इस तरह का सामने आया कि कुछ स्थानीय समाजसेवियों के बीच की छोटी झड़प थी। इस तरह के प्रकाशन से कहीं ना कहीं सोशल मीडिया की भ्रामक खबर से प्रशासन का कीमती समय तो व्यर्थ तो होता ही है साथ में कभी कभी अधिकारी ऐसे खबर के प्रकाशन के कारण कार्रवाई के भी शिकार हो जाते हैं। और कुछ समय के लिए जनता बीच बादनामी का भी सामना करना पड़ता है।