

Chatra : जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट सह प्रशिक्षण भवन हॉल में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर आधारित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम एमएसएमई विकास कार्यालय, रांची (एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार) तथा मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग विकास बोर्ड, चतरा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उपविकास आयुक्त श्री अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति रांची के उप महाप्रबंधक श्री संतोष कुमार सिन्हा, कौशल विकास एवं उद्यमिता विभाग के क्षेत्रीय निदेशक श्री विनोद कुमार दुबे, एमएसएमई रांची के संयुक्त निदेशक श्री इंद्रजीत यादव और सहायक निदेशक श्री सुरेन्द्र शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की रूपरेखा, उद्देश्य और लाभों की विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि 13 हजार करोड़ रुपये के बजट प्रावधान वाली इस महत्वाकांक्षी योजना में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। योजना के तहत शिल्पकारों और कारीगरों को प्रमाणपत्र एवं पहचान-पत्र जारी कर औपचारिक पहचान दी जाएगी। लाभुकों को पहले चरण में एक लाख रुपये तक और दूसरे चरण में दो लाख रुपये तक का ऋण मात्र पाँच प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही लाभुकों को कौशल विकास प्रशिक्षण, टूलकिट, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन राशि और मार्केटिंग सहयोग भी प्राप्त होगा। कार्यशाला में यह भी बताया गया कि यह योजना विशेष रूप से पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों जैसे बढ़ई, नाव बनाने वाले, अस्त्र-शस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी-चटाई-झाड़ बनाने वाले, पारंपरिक गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी और मछली का जाल बनाने वालों के लिए है, ताकि वे अपने हुनर को निखार सकें और बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकें। तकनीकी सत्र में वित्तीय साक्षरता पर जिला अग्रणी प्रबंधक, डिजिटल लिटरेसी और सेल्स स्ट्रेटजी पर डिजिटल विशेषज्ञ तथा क्यूआर कोड जनरेशन पर मार्केटिंग विशेषज्ञ ने प्रशिक्षण दिया। एमएसएमई स्कीम की विस्तृत जानकारी सहायक निदेशक श्री सुरेन्द्र शर्मा ने दी जबकि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जुड़ी जानकारी जिला उद्यमी समन्वयक श्री हेमन्त केशरी ने साझा की।
उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी ने कार्यक्रम में उपस्थित शिल्पकारों एवं हस्तशिल्पकारों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना और कहा कि पात्र लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस अवसर पर सभी प्रखंड उद्यमी समन्वयक, ईओडीबी प्रबंधक शुभाशिष कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में शिल्पकार एवं हस्तशिल्पकार मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन सहायक निदेशक श्री सुरेन्द्र शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।