तीन दिनों से भूख से बिलखती बेसहारा महिला की हालत ख़राब। पंचायती राज का खोल रहा पोल विकास का ढिंढोरा टॉय टांय फीस


Chatra : लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के मंधनियां पंचायत स्थित हुटरू गांव की एक विधवा महिला सुमिता देवी के पास भूख मिटाने के लिए भी अन्न नहीं है।जिसके कारण सुमिता को दो दो तीन तीन दिनों तक भूखे रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।सुमिता के दो छोटे छोटे बच्चे आस पड़ोस से मांगकर अपना पेट भरते हैं।बड़ी बात तो यह है कि सरकार के द्वारा अंतिम व्यक्ति तक लाभ और विकास के वादे यहाँ खोखले नजर आ रहे हैं।सुमिता और उनके दो बच्चों कि हालात पंचायती राज के ऊपर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।मुखिया,पंचायत समिति,वार्ड सदस्य के रहते उस वार्ड के लोगों की स्थिति का सुद लेने वाला तक कोई नहीं है।जागरूकता की कभी के कारण आज भी कुछ प्रसेंट लोग सौ साल पुरानी सभ्यता वाली जींदगी गुजार रहें हैं परंतु उन्हें जागरूक करने का बीड़ा उठाने वाला कोई नहीं है।बड़ी बात तो यह है कि सुमिता और उसके दोनों बच्चों में से ना ही किसी का अब तक आधार कार्ड बना है,ना ही राशन कार्ड है और ना ही किसी प्रकार के पेंशन का लाभ उन्हें मिलता है।सुमिता एक झोपड़ी में दो बच्चों के साथ जींदगी गुजारने को तैयार है।सुमिता के घर के पास ही भवन निर्माण कार्य करने के लिए गए राज मिस्त्री सह राम मंदिर समिति लावालौंग के कर्मठ सदस्य दिनेश प्रजापति को सुमिता की स्थिति का पता चला।तुरंत दिनेश प्रजापति एवं राम मंदिर समिति के ही सदस्य अमित कुमार मिश्रा नें बीडीओ विपिन कुमार भारती को मामले से अवगत कराया।बीडीओ नें त्वरित कार्रवाई करते हुए सुमिता को लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र लाकर पहले तो उसका इलाज कराया।फिर सुमिता एवं उसके दोनों बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।इसके बाद सुमिता के घर बीडीओ नें तत्काल खाने के लिए राशन भिजवा दिया।साथ ही संबंधित पीडीएस प्रभारी को निर्देश दिया की जब तक सुमिता का आधार कार्ड नहीं बन जाता है तब तक उसके लिए प्रत्येक माह राशन मुहैया कराया जाए।बीडीओ नें बताया कि सुमिता को हर संभव लाभ दिलाया जाएगा।
रिपोर्टर मो० साजिद