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Saturday, October 18, 2025
Chatra News

विश्व विख्यात राष्टवादी व्यख्याता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी मिडिया को संबोधित किए। श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा भारत का सच्चा इतिहास को जानने

चतरा सर्किट हाउस में विश्व विख्यात राष्टवादी व्यख्याता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी मिडिया को संबोधित किए। श्री कुलश्रेष्ठ ने कल का भारत व आज का भारत पर विस्तार से बात रखा। उन्होंने भारत का सच्चा इतिहास को जानने पर बल दिया। अपनी पुरानी सनातन संस्कृति, सरोकार और हिंदूत्व को बचाने के लिए युवाओं को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि हिंदू जाति में खंडित नहीं हों जाति चौखट के अंदर तक हो चौखट पार करने पर आप सिर्फ सनातन हो। हमे अपनी सनातन संस्कृति पर गर्व महसूस होना चाहिए सभी धर्मों के जन्म वर्ष हैं कोई दो हजार साल का तो कोई चौदह साल का पर सनातन धर्म का जन्म वर्ष नहीं है क्यों कि ब्रह्माण्ड की उत्पति के साथ सनातन धर्म का उत्पति हुआ है। जो जन्म लेता है वह मरता है लेकिन सनातन तब तक रहेगा जब तक ब्रह्माण्ड रहेगा। हमे आज ज्ञान हुआ कि पीपल वृक्ष 24 घंटा ऑक्सीजन देते हैं पर हमारे सनातन संस्कृति ने हजारों साल पहले इसकी महता बताई और पीपल वृक्ष को संरक्षित करने के लिए पीपल में पानी देने का विधान बनाया। उन्होंने कहा कि हम सब को गलत बताया गया कि कांग्रेस का गठन देश की आजादी के लिए हुआ बल्कि सच्च ये है कि कांग्रेस का गठन अंग्रेजो ने किया था जिसके लागातार पांच अध्यक्ष अंग्रेज बने। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने बापू पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारे भजन को छेड़ कर अपना भजन बनाया ” ईश्वर अल्ला तेरो नाम” ईश्वर से अल्ला का तुलना करना गंदे नाले को समुद्र से तुलना करने जैसा है। जालिया वाला बाग लोग याद करते हैं लेकिन 1984 का घटना भूल जाते हैं। जबकि दोनो नरसंहार एक जैसा है फर्क इतना है कि एक अंग्रेज के शासन में हुआ तो एक राजीव गांधी के शासन में हुआ। देश के आजादी के असली हकदार नायक सुभाष चंद्र बोस को वो सम्मान नहीं मिला जो उनको मिलना था। देश के हीरोज को गौण किया गया और गद्दारों को राष्ट का मसीहा बना दिया। रुपेश पांडे के हत्या पर भी हम खुल कर बोल नहीं पाते क्यों कि रुपेश के बाद पांडे लगा है हम जाति में खंडित हो कर एक हिंदू की मौत पर हम एक नहीं हो पाते। मौके पर शोभा यादव, अशोक शर्मा, तिलेश्वर राम, संजय पांडे, सुभाष सिंह, प्रदीप केशरी, गोविंद राम समेत कई लोग मौजूद थे

1 Comment

  1. अपने धर्म को बदनाम मत करो पहले पढ़ो उसके बाद प्रचार करना

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