चतरा : लावालौंग प्रखंड मुख्यालय में संचालित कस्तूरबा आवासीय स्कूल की वार्डन कंचन कुमारी के बिगड़े बोल और उदंड व्यवहार के चर्चे जोरों पर है।वार्डन किसी के साथ भी अभद्र व्यवहार करते हुए कुछ भी बोल देती हैं।उनके लिए किसी को झिड़क देना या देख लेने तक की धमकी देना आम बात हो गई है।जानकारी के अनुसार गुरुवार को कुछ छात्राएं सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए अपना पहचान सत्यापित करवाने के लिए फॉर्म लेकर कस्तूरबा स्कूल गई थीं।लेकिन वार्डन के द्वारा उन्हें यह कह कर वापस लौटा दिया गया कि मैं तुम्हारा नौकर नहीं हूं जो तुमलोग जब आओ तब मैं साईन कर दूँ।इस संबंध में एक छात्र बबली कुमारी के पिता नंदू ठाकुर नें स्थानीय पत्रकारों को बताया कि सावित्रीबाई फुले योजना में रजिस्ट्रेशन का गुरुवार तक अंतिम दिन था।लेकिन वार्डन के असंवेदनशील रवैया के कारण मैं अपनी पुत्री का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाया।वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मदनडीह गांव के शत्रुघ्न रविदास भी अपनी पुत्री के साथ पहचान सत्यापित करवाने के लिए कस्तूरबा स्कूल गए थे। लेकिन उनकी पुत्री के रजिस्ट्रेशन फॉर्म को वार्डन कंचन कुमारी नें फेंक दिया गया।वहीं स्कूल के कुछ शिक्षकों के द्वारा बताया गया कि वार्डन का व्यवहार स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षकों के प्रति भी काफी उदासीन है।उनके द्वारा हमेशा शिक्षकों को अपमानित कर दिया जाता है।वार्डन के इस उदासीन रवैये के कारण कई छात्राओं का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया।जिससे छात्राएं और उनके माता-पिता काफी आहत महसूस कर रहे हैं।इधर ग्रामीणों के शिकायत पर स्थानीय मुखिया नेमन भारती नें कहा कि वार्डन के इस रवैये की शिकायत उच्च स्तरीय पदाधिकारियों से करके शीघ्र ही कारवाई करवाई जाएगी।मुझे भी वार्डन के उदासीन कार्यशैली की सूचना आए दिन प्राप्त होते रही है।
संवाददाता, मो० साजिद