

लावालौंग: इन दिनों लावालौंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मीडिया और सोशल मीडिया के सुर्खियों में है। इसके बावजूद भी वरीय पदाधिकारियों और उपायुक्त के अनदेखी के कारण यहां के पदाधिकारी और कर्मी अपनी सीमा की हद पार कर चुके हैं।आलम यह है कि सोमवार को मारपीट की घटना में सिलदाग पंचायत के जोभी गांव निवासी नरेश गंझू बुरी तरह घायल हो गया था। उसके हाथ पैर और माथे पर गहरी चोट लगने के कारण मांस और चमड़ा फट गया था। घायल की स्थिति में परिजनों ने इलाज के लिए नरेश को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लावालौंग में भर्ती कराया। परंतु यहां ना ही किसी एएनएम/ एन०एम० या किसी डॉक्टर ने उसका इलाज किया और ना ही देखने तक आए। जबकि डॉक्टर प्रभात किरण हॉस्पिटल आवास में ही उपस्थित थे। कुछ ही देर में सफाई कर्मी प्रेम भारती अपने हाथों में इलाज का सामान लेकर आता है, और घायल नरेश के जख्मों को जैसे तैसे ड्रेसिंग करना शुरू कर देता है। नरेश ने बताया कि मैं दर्द से तड़पता रहा परंतु किसी ने भी मेरी स्थिति को समझने की कोशिश तक नहीं किया। नरेश के भाई ने बताया कि लापरवाही देखकर हम स्वास्थ्य केंद्र से नरेश को निकालकर निजी क्लीनिक में इलाज करवाया। हालांकि इलाज के बाद यहां से भी बेहतर इलाज के लिए चतरा रेफर कर दिया गया।डॉक्टर प्रभात किरण से पूछे जाने पर उन्होंनें बताया कि उस समय मैं खाना बना रहा था। जिसके कारण सफाई कर्मी को सिर्फ जख्म साफ करने के लिए बोला था। बाकी मरीज का इलाज मैंने ही किया है। जबकि परिजनों और मरीज का आरोप है कि सफाई कर्मी के अलावा किसी का दर्शन तक नहीं हुआ है।
संवाददाता, मो० साजिद