जिला खेल विभाग द्वारा 18 व 19 सितंबर को आयोजित जिला स्तरीय प्रतिभा चयन प्रतियोगिता विवादों के घेरे में,खेल प्रशिक्षकों की अनुपस्थिति में खिलाड़ियों का किया गया चयन


चतरा। जिला खेल विभाग के तत्वाधान में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम चतरा में 18 व 19 सितंबर को आयोजित किया जा रहा जिला स्तरीय प्रतिभा चयन प्रतियोगिता विवादों के घेरे में आ गया है। खेल कूद युवा कार्य निदेशालय द्वारा पत्रांक 554 दिनांक 10/09/25 के माध्यम निकाले गए पत्र में उल्लेख है कि जिला स्तरीय प्रतिभा चयन प्रतियोगिता में जिला खेल पदाधिकारी,संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी,जिला शिक्षा अधीक्षक,जिला खेल समन्वयक,खेल प्रशिक्षक (कोच),संबंधित खेल संघ के पदाधिकारी एवं शारीरिक शिक्षक का सहयोग प्राप्त करना है। परंतु आश्चर्यजनक रूप से सभी नियमों को ताक पर रखते हुए जिला में आयोजित चयन प्रतियोगिता में खेल विभाग द्वारा महज खानापूरी की गई। खेल मैदान में शारीरिक शिक्षक एवं खेलो इंडिया डे बोर्डिंग सेंटर की बालिकाओं से चयन प्रक्रिया करवाई गई। इतना पर भी जिला खेल विभाग ने बस नहीं किया। खेल कूद युवा कार्य निदेशालय द्वारा जारी पत्र के आलोक में चतरा खेल विभाग ने भी ज्ञापांक 399/खेल दिनांक 12/09/2025 के माध्यम से पत्र जारी किया। सभी नियमों का उल्लेख भी किया गया,परंतु पत्र किसी भी संबंधित को नहीं भेजा गया। यानी कि पत्र तो टाईप हुआ,परंतु इसे कार्यालय में ही दबा कर रख दिया गया। यहीं पर बात खत्म नहीं हुई।खेल कार्यक्रम में जिन संवेदकों को कार्य आवंटित किए गए हैं,उनसे कोई कार्य नहीं लिया गया बल्कि स्टेडियम में ग्राउंड मार्किंग का काम भी डे बोर्डिंग के बच्चियों से करवाया गया। आपको बताते चलें कि 19 सितंबर को कबड्डी के खिलाड़ियों का चयन होना तय हुआ था। परंतु जब ग्रामीण क्षेत्र की नेशनल स्तर एवं राज्य स्तर की पदक विजेता बालिका खिलाड़ी चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने स्टेडियम पहुंची तो खेल विभाग के प्रधान सहायक शिवकुमार और एलडीसी रंजीत कुमार ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि यहां सिर्फ बालक का चयन होना है,बालिका का नहीं। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब सिर्फ बालक खिलाड़ियों का चयन होना था तो विभाग ने इससे संबंधित विभागीय पत्र खेल संघों को उपलब्ध क्यूं नहीं करवाया। साथ ही खिलाड़ियों को यह भी बोला गया कि संघ के पदाधिकारियों को इसलिए नहीं बुलाते हैं, क्यूंकि वे लोग बहुत नियम कानून बघारते हैं और हमारे पास इतना फंड नहीं है कि हम खेल प्रशिक्षक (कोच) को बुलाएं। इस बाबत जिला ओलम्पिक संघ के कोषाध्यक्ष जितेंद्र चंद्रवंशी ने आरोप लगाया कि जिला खेल विभाग द्वारा किसी भी खेल संघ को जिला स्तरीय प्रतिभा चयन प्रतियोगिता की जानकारी नहीं दी गई है। कहा कि आज जब कबड्डी की बालिका टीम चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने स्टेडियम पहुंची तो यह कहकर वापस कर दिया गया कि आप लोगों की यहां सीट नहीं है,सिर्फ बालक की है। श्री जितेंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि जब बालिकाओं के लिए सीट नहीं थी तो इस बाबत पूर्व में कोई जानकारी क्यूं नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कबड्डी का बालक वर्ग जब चयन प्रक्रिया में हिस्सा ले रहा था तो इनके कोच कुछ जानकारी प्राप्त करना चाह रहे थे तो कार्यालय कर्मियों ने कहा कि हमलोग खेल संघ को इसलिए नहीं बुलाते हैं,क्योंकि यह लोग कानून बघारते हैं। कम से कम हमलोग का काम शॉटकट में तो हो जा रहा है। वहीं इस बाबत जिला खेल पदाधिकारी कैलाश राम ने कहा कि विवाद की कोई जानकारी नहीं है। इस बार खेल संघ की ओर से कम सहयोग मिला। उनसे जब पूछा गया कि खेल संघों का आरोप है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है तो उन्होंने कहा कि सबको पत्र दिया गया था। बहरहाल मामला चाहे जो भी हो परंतु इतना तय है कि जिला खेल विभाग द्वारा जिलास्तरीय प्रतिभा चयन प्रतियोगिता में जिस प्रकार से चयन प्रक्रिया अपनाई गई उसमें पारदर्शिता का पूरी तरह से अभाव दिखा।एक तरह से इसे महज खानापूर्ति कहा जाए तो आश्चर्य की बात नहीं।