

Chatra : झारखंड शिक्षा परियोजना, चतरा के समग्र शिक्षा अभियान के तत्वावधान में आज विकास भवन स्थित जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट सह प्रशिक्षण भवन हॉल, चतरा में जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी सह क्विज़ कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों से प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। कुल 100 नवाचार मॉडल की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को प्रदर्शित किया। इसके साथ ही 41 विद्यार्थियों ने विज्ञान क्विज़ प्रतियोगिता में भाग लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने शामिल होकर दीप प्रज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपायुक्त का स्वागत जिला शिक्षा पदाधिकारी चतरा दिनेश कुमार मिश्रा द्वारा पौधा प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक रामजी कुमार एवं क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी अम्बुज्य राज लक्ष्मी, अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राकेश पाण्डेय, प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी राहुल कुमार भी सम्मिलित रूप से उपस्थित रहे। अपने संबोधन में उपायुक्त कीर्तिश्री जी ने कहा कि आप सबके बीच आकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। आज के ये नवाचार मॉडल हमारे भविष्य के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों की पहचान हैं। जीवन में सफलता पाने के लिए दो शब्द हमेशा याद रखें अनुशासन और पछतावा। अनुशासन से आपका व्यक्तित्व निखरता है और पछतावा आपको गलतियों से सीखने की प्रेरणा देता है। यदि इन दोनों को अपनाया जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रहता। आप सब अपनी मेहनत और कल्पनाशक्ति से जिला, राज्य और देश का नाम रोशन करें यही हमारी शुभकामना है। उद्घाटन के पश्चात उपायुक्त ने सभी नवाचार मॉडलों का अवलोकन किया एवं प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने विद्यार्थियों की वैज्ञानिक सोच और प्रस्तुति की सराहना की। विज्ञान क्विज़ प्रतियोगिता को इस बार प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑडियो-वीडियो के रोचक स्वरूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे प्रतिभागियों और सहयोगी शिक्षकों को एक नया और आनंददायक अनुभव मिला। कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोगी शिक्षकों के रूप में सीमा श्रीवास्तव, स्नेह राज, अजीत मिश्रा, मंटू प्रजापति, उज्ज्वल साहू, गौतम कुआंर साव, राजीव नयन प्रकाश, रामाधार प्रसाद सिंह, राजीव रंजन, अमरनाथ केशरी, रविन्द्र यादव, शमीम जया, दीपक यादव तथा अन्य शिक्षकों ने अभूतपूर्व योगदान दिया।