

Chatra : लावालौंग प्रखंड मुख्यालय के मुख्य चौंक के समीप स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में इन दिनों अवैध वसूली और प्रताड़ना का मामला प्रकाश में आया है।उक्त विषय को लेकर मंधनियां पंचायत के गड़यानी गांव की एक महिला ने विडिओ के माध्यम से स्कूल में हो रहे अत्याचार से बालिकाओं को मुक्त करने की गुहार लगाई है। महिला ने बताया है कि मेरी पुत्री धनवंती कुमारी कस्तूरबा विद्यालय में नवमी कक्षा में पढ़ाई करती है। वहां शिक्षिका कंचन सिंह के द्वारा आए दिन बालिकाओं को प्रताड़ित एवं मारपीट किया जाता है।धनवंती नें बताया कि हम सुबह के समय ब्रश कर रहे थे इसी बीच कंचन मैडम आकर मेरे कान के पास ( कनपटी)में जोरदार तमाचा मार दिया।तमाचा इतना जोरदार था कि मैं चक्कर खाकर तत्काल वहीं बैठ गई।इसके बाद से मेरे कान और कनपटी में हमेशा दर्द रहने लगा।किसी तरह घर में खबर भेज कर मैंने अपनी मां को बुलाकर स्कूल से निकलकर अपना इलाज कराया।जिसमें लगभग पांच हजार रुपये खर्च हुए।धनवंती की मां ने बताया कि जब हम टीसी लेने गए तो स्कूल की कुछ बच्चियों ने गुप्त रूप से आवेदन लिखकर मुझे दिया और कहा कि आप सिर्फ थाना में जाकर दे दीजिएगा।आवेदन में लिखा है कि कस्तूरबा में हमारे साथ हो रहे अत्याचारों से हमें मुक्त कराएँ।धनवंती नें बताया कि स्कूल में हमें सुबह में मात्र दो रोटी और रात को भी सिर्फ दो रोटी ही खाने के लिए दिया जाता है।दोपहर में थोड़ा चावल दिया जाता है।और खाना भी हम बालिकाओं से ही बनवाया जाता है।रसोईया के द्वारा सिर्फ भोजन वितरण किया जाता है।अक्सर राशन कम मिलने के कारण दर्जनों बच्चियों का भोजन घट जाता है और उन्हें भूखे ही रहना पड़ता है।मां-बाप मिलने जाते हैं तो घर से खाने पीने का सुखा सामान लेकर जाते हैं जो कुछ दिनों तक चलता है।स्कूल में ना ही हमें कभी चना दिया जाता है और ना ही सूजी,फल या दूध नसीब होता है।इधर कस्तूरबा में ही अध्यनरत कोमल कुमारी के भाई गुड्डू गंझू नें बताया कि नामांकन के लिए मुझसे पांच हजार रुपये लिए गए थे।वहीं धनवंती की मां नें बताया कि मुझसे भी पांच हजार रुपये मांगे गए थे।परंतु बहुत अनुनय विनय के बाद पंन्द्रह सौ रूपए में धनवंती का नामांकन हुआ था। पूछे जाने पर दोनों व्यक्तियों नें बताया कि उक्त पैसे हमने ओरी गांव की प्रमिला देवी को दिए थे।जिन्होंने वार्डन अनिता कुमारी को मिठाई के पॉलिथीन में करके पैसे दिए थे।इधर प्रमिला से पूछे जाने पर उन्होंने पैसे लेने की बात से इनकार कर दिया।ज्ञात हो की पूर्व में भी कई बार बच्चियों के साथ प्रताड़ना एवं कम भोजन का मामला प्रकाश में आता रहा है।उक्त विषय के संबंध मे वार्डन अनिता कुमारी से पुछे जाने पर उन्होंने बताया कि नामांकन करवाने वाले अभिभावकों से खुशी खुशी मिठाई खा लेते हैं सभी मिलकर।परंतु नामांकन के लिए पैसे लेने और कम भोजन देने का आरोप बेबुनियाद है।
लावालौंग, मो० साजिद