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Saturday, October 18, 2025
Chatra News

माटीकला विद्युत चाक वितरण से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे शिल्पकार

Chatra : जिला उद्योग केन्द्र, चतरा के प्रांगण में आज झारखण्ड माटीकला बोर्ड चतरा एवं मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड चतरा के बैनर तले माटीकला विद्युत चाक वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री शम्भु शरण बैठा ने 40 चयनित लाभुकों के बीच 90 प्रतिशत अनुदान पर अत्याधुनिक विद्युत चाक का वितरण किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री बैठा ने कहा कि माटीकला योजना का मूल उद्देश्य परंपरागत माटी शिल्पकारों को आधुनिक तकनीकी साधन उपलब्ध कराकर उनकी उत्पादन क्षमता को सुदृढ़ करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार की इस पहल से जिले के शिल्पकारों को स्वरोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।लाभुकों में चतरा प्रखंड से 05, कान्हाचट्टी प्रखंड से 05, सिमरिया प्रखंड से 04, टंडवा प्रखंड से 05, गिद्धौर प्रखंड से 03, हंटरगंज प्रखंड से 05, प्रतापपुर प्रखंड से 01, लावालौंग प्रखंड से 04, ईटखोरी प्रखंड से 04 एवं मयूरहंड प्रखंड से 04 लाभुक शामिल रहे। सभी लाभुकों ने इस योजना के लिए जिला प्रशासन और उद्योग विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया। जिला उद्यमी समन्वयक हेमन्त केशरी ने कहा कि माटीकला योजना न केवल परंपरागत कारीगरों को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है बल्कि उन्हें सम्मानजनक आजीविका का अवसर भी प्रदान कर रही है। विद्युत चाक के वितरण से हमारे शिल्पकार आधुनिक तकनीक से जुड़ेंगे, जिससे उनका परिश्रम कम होगा, उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और बाजार की मांग को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगे। यह प्रयास जिले में स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मौके पर जिला उद्यमी समन्वयक श्री हेमन्त केशरी, सभी प्रखंड उद्यमी समन्वयक श्री अरविन्द कुमार, श्री पिंटू कुमार, श्री सत्येन्द्र कुमार यादव, श्री योगेश्वर मछुआ, श्री वेद प्रकाश कुमार, श्री उमेश कुमार, राहुल कुमार, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, चतरा के प्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में माटी शिल्पकार लाभुक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गरिमामय एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में किया गया। जिला उद्योग केन्द्र चतरा के इस सराहनीय प्रयास से जिले के पारंपरिक माटीकला व्यवसाय को नई दिशा मिलने की संभावना है, जिससे स्थानीय कारीगरों की आजीविका सुदृढ़ होगी और चतरा जिले के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

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