मोमिन कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष हाजी जैनुल आबेदीन को उनके पैतृक गांव होलमगड़ा में किया गया सपुर्द खाक


चतरा सदर प्रखण्ड के आरा पंचायत निवासी हाजी जैनुल आबेदीन को उनके पैतृक गांव होलमगड़ा स्थित कब्रिस्तान में हजारों लोगों ने नम आंखों से सुपुर्द ए खाक कर दिया।उनके जनाजे की नमाज उनके पुत्र मौलाना हसनैन ने पढ़ाई।भरा पूरा खानदान छोड़ कर हाजी जैनुल आबेदीन ने रांची स्थित पारस अस्पताल में आखरी सांस ली।विगत एक दिन पूर्व अचानक ब्रेन हैंब्रेज होने की बात कही गई है।प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज के लिए उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।जहां उन्होंने जीवन और मौत से संघर्ष करते हुए अंतिम सांस ली जीवन हार गया और मौत जीत गई।हाजी जैनुल आबेदीन हाजी के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध थे।उन्हें हाजी के नाम से लोग पुकारते थे।संघर्ष भरा जीवन में उन्होंने जहां मोमिन कॉन्फ्रेंस को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए पूरा जीवन लगा दिया।वहीं राजनीति में भी अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहे।मृदु भाषी हाजी सभी वर्गों में एक जैसा सम्मान पाते थे।सामाजिक सरोकार से हमेशा जुड़े रहे।समाज में शांति स्थापित करने के लिए हमेशा तत्पर्य रहने वाले व्यक्ति को मोमिन कॉन्फ्रेंस ने खो दिया।हाजी जैनुल आबेदीन हज कमिटी के सदस्य भी रहे।उन्होंने मोमिन कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष के नाते कई कार्यक्रमों में जिला राज्य और दिल्ली में आयोजित मोमिन कॉन्फ्रेंस के सक्रिय नेताओं के साथ हिस्सा लिया।जिस से क्षेत्र समेत राज्य एवं दिल्ली राजधानी तक के लोग हाजी साहब को जानते पहचानते थे।उन्होंने भाजपा,राजद,कांग्रेस पार्टी,बहुजन समाज पार्टी में कई पदों को सुशोभित किया और ईमानदारी से पद पर कार्य किया।उन्होंने 2014 के लोक सभा चुनाव में मोदी लहर में बहुजन समाज पार्टी से टिकट लाकर चुनावी मैदान में अपनी उपस्थित दर्ज कराई।उन्होंने संघर्ष भरे जीवन में सियासत को चोली दामन का रिश्ता कहते रहे और अपने लोगों को सियासत में सक्रिय भूमिका में रहने की वकालत करते थे।देश की नाम नेहाद पार्टियों को चुनाव लड़कर चुनौती दिया की राजनीति में हमारी आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी दो वरना हम जीत नहीं सकते तो हरा जरूर सकते हैं।देश के सबसे बड़े पंचायत लोक सभा और विधान सभा में अपनी उपस्थित की दावा करने की वकालत आखिर समय तक करते रहे।सामाजिक लड़ाई में उन्हें एक बार जेल भी जाना पड़ा था।किसी गरीब का काम नहीं किए जाने पर सदर बीडीओ से कहा सुनी हो गई थी जिस के कारण उन पर केश दर्ज कर दिया गया था और उन्हें जेल का सफर करना पड़ा था।उनकी मौत की खबर सुनकर रांची हजारीबाग बोकारो लोहरदगा के अतिरिक्त जिला के सभी ब्लॉकों से लोग उनके जनाजे में शामिल हुए।उनके पुत्रों में मो मोहसिन मौलाना हसनैन,मो एहसान,मो अहमद और मो अहद हैं जबकि बेटियों अमीरा, गजाला और उमैर हैं।भरा पूरा खानदान में शोक का माहौल है।उनके आकस्मिक निधन पर स्थानीय सांसद कालीचरण चरण सिंह विधायक जनार्दन पासवान पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने दुःख व्यक्त करते हुए शोकाकुल परिवार के दुख में खड़े रहने की बात कही है।उनके जनाजे में हिंदू मुस्लिम एकता का बड़ा मजमा देखा गया।मुख्य रूप से धनंजय सिंह उर्फ बच्चू सिंह,चुन्नू सिंह विकास सिंह,स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि अजय यादव मोमिन कांफ्रेंस के युवा जिलाध्यक्ष नेसार अंसारी,पूर्व जिलाध्यक्ष रशिद अंसारीप्रदेश कबीर अंसारी, प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल्लाह अंसारी,जिला महासचिव असलम अंसारी,जिला उपाध्यक्ष मौलाना मकसूद,मो साजिद, मोजाहिर अंसारी के अलावे मोमिन कांफ्रेंस के नेता सामाजिक कार्यकर्ता एवं राजनीतिक कार्यकर्ता मौजूद थे।