जेएमएम ( झामुमो) महागठबंधन प्रत्याशी मनोज चंद्रा का तूफानी दौरा, कई गांवों में चलाया जनसंपर्क अभियान
Chatra : लावालौंग प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सिमरिया विधानसभा के झामुमो प्रत्याशी मनोज चंद्रा ने शनिवार को डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान चलाया। यह जनसंपर्क अभियान लावालौंग क्षेत्र का रिमी, रामपुर,टिकदा, सेहदा, टिकुलिया, सौरू, सिलदाग, बनवार, मधनिया, सिकनी, हुटरू, कोलकोले, भुसाड, शम्भे, मड़वा, लामटा, हेडूम, सोस, कोची, कटिया, कर्मा, शिराजपुर,कल्याणपुर, ओरी, बांदु, पारमातू,लावालौंग सहित दर्जनों अन्य गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया गया। वहीं क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों ने अपने जोशों के साथ जेएमएम प्रत्याशी मनोज चंद्रा को फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया और उनके साथ मिलकर कई गांव में जनसंपर्क अभियान भी चलाया। इस दौरान समर्थकों व कार्यकर्ताओं के द्वारा लगाए गए मनोज चंद्रा जिंदाबाद के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस गांव में जा रहा हूं, वहां की जनता मालिकों का अपार समर्थन मिल रहा है। सभी ने एक स्वर में कहा कि इस बार जेएमएम पार्टी मनोज चंद्रा को अपना बहुमूल्य वोट देकर विजय बनाएंगे।
जबकि जनसंपर्क के दौरान उपस्थित समर्थकों के द्वारा बताया गया कि इस बार जनता के सामने बेहतर विकल्प मौजूद है,महागठबंधन के झामुमो ( जेएमएम ) ने सिमरिया विधानसभा से युवा नेता चंद्रा जी को उम्मीदवार बनाया है, जिनके पिता के कार्यकाल को सिमरिया ही नहीं बल्कि पूरा झारखंड बखूबी जानता है। जिस बच्चे के माथे से पिता का साया उठ जाता है, वह अपने उम्र की अपेक्षा कई गुना समाज को समझने का अनुभव रखने लगता है। और उसके इसी अनुभव का लाभ यदि जनता उन्हें विजय बनाती है तो आने वाले समय में जनता को पूरा लाभ मिलेगा। अंत में उन्होंने कहा कि मैं यहां विकास की दरिया बहाने तथा हर एक व्यक्ती को अपना हक़ और अधिकार दिलाने के लिए सिमरिया का बेटा विधानसभा में आतुर है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न चौक चौराहा, गांव के गलियारे व होटलों में सुबह, दोपहर, शाम चुनावी मुद्दा को लेकर बेहद रूप से चर्चा की जा रही है। लोग व्यवहार के साथ-साथ उनके अच्छाइयों को भी टटोलने व निचोड़ने में लगे हुए हैं। जबकि कुछ लोगों के द्वारा कहा गया कि उनके कुशल व्यवहार सभी को काफी भा रहा है, यानी इनकी मृदुता के पूरे विधानसभा में एक भी विरोधी नहीं मिल सकते हैं। इन्होंने पिता के तेज को एवं उनके सम्मान को बचाए रखना यह साधारण कार्य नहीं हो सकता है, और तो और बुजुर्गों एवं माता के साथ-साथ सभी युवाओं के आगे शीश नवाना हाथ मिलाना और प्यार की भाषा में हमेशा से ही बातें करना इनकी एक अलग ही पहचान है।
संवाददाता, मो० साजिद