प्रतापपुर प्रखंड के नि: शक्त महिलाओ को समाज में सम्मान व अधिकार दिलाना ही मेरा पहला उद्देश्य —- आरती चौरसिया एकल नारी सशक्ति संगठन
प्रतापपुर प्रखंड के कसमार गांव निवासी व एकलनारी सशक्ति संगठन की प्रखंड सहयोगी आरती चौरसिया के कार्यो व समाज के नि: शक्त महिलाओ के लिए लगातार किये कार्यो से लोग प्रभावित है।आरती चौरसिया आज प्रखंड के 4000 वैसे महिलाओ जो समाज में कमजोर,विधवा, नि: शक्त,उम्र दराज,अविवाहित,तलाक सूदा,असहाय,व कारावास काट कर समाज मे अपमानित हो रही महिलाओ को एक सूत्र में बांधते हुये उन्हें सक्रीय कर एकल नारी सशक्ति संगठन की सदस्य बनाते हुये समाज में मान सम्मान व आजिविका के क्षेत्र में आगे बढाने का कार्य शुरू किया। एकल नारी की आरती चौरसिया ने बताया कि वह अपने माईके कसमार मे कमजोर व बूढी विधवा मां के साथ रहती है।उसके पति से तालाक होने पर मैने हिम्मत नही मानी।उसने अपनी बूढी मां बेटे की कमी को खलने नही दिया।तथा छोटा मोटा रोजी रोजगार करते हुये बूढी मां का ख्याल रखी।मेरे हिम्मत व हौसले को देखते हुये एकल नारी सशक्ति संगठन के द्वारा वर्ष 2012 मे जुडकर महिलाओ के साथ बढचढ कर हिस्सा लेते हुये कार्य करने लगी।मेरे बुलंद हौसले को देखकर मुझे प्रखंड सहयोगी बनाकर एकल नारी सशक्ति संगठन का बागडोर दिया गया।इसके बाद मुझे राज्य स्तरीय कमिटी का सदस्य बनाया गया तथा राज्य स्तरीय कमिटी की कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया ।मैने सक्रीय होकर कार्य करने लगी।इसके बाद प्रखंड स्तर,पंचायत स्तर, गांव स्तर व टोला स्तर पर महिलाओ की कमिटी का विस्तार करते हुयें एकल नारी को लेकर जागरूकता फैलाकर अधिक से अधिक महिलाओ को एकलनारी सशक्ति संगठन का सदस्य बनाया ।समाज मे घरेलू हिंसा,डाईन ,यौन हिंसा,मारपीट,माता पिता का उतराधिकारी,कानून की जानकारी देकर समाज की विधवा, परित्यागत महिलाएं, उम्र दराज अविवाहित ,तलाक सूदा ,असहाय महिलाओ को एक सुत्र मे बांधकर उन्हे थाना,कचहरी,पंचायत, ब्लौक,अंचल स्तर पर न्याय दिलाया तथा समाज मे मान सम्मान दिलाने का कार्य की।आज प्रतापपुर प्रखंड मे लगभग 4000 महिलाएं एकलनारी सशक्ति संगठन की सदस्य है। आरती चौरसिया कहती है कि एकलनारी सशक्ति संगठन की महिलाएं जागरूक, मजबूत,व सशक्त हो गई है।वे आज अपने अधिकार,न्याय,सुरक्षा ,व अपना व अपने परिवार का ख्याल रखने योग्य हो गया है।उन्हे आज समाज मे मान सम्मान व पहचान मिल रही है ।वे थाना,ब्लौट व कोर्ट कचहरी मे स्वंय पहुंचकर अपना व दूसरे महिलाओ का सहयोग कर रही है। सत्येंद्र कुमार