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Tuesday, December 24, 2024
Chatra News

चतरा में लगभग ढ़ाई सौ से ज्यादा स्थानों पर लगाये जाएंगे सीसीटीवी कैमरे, अपराध और दुर्घटनों पर लगाम लगाने में मिलेगी प्रशासन को मिलेगी मदद

चतरा: अपराध उन्मूलन से लेकर विधि-व्यवस्था संधारण और सड़क दुर्घटनाओं पर नजर रखने के लिए पुलिस आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने जा रही है। जिले के संवेदनशील स्थानों, दुर्घटना क्षेत्रों एवं सार्वजनिक स्थानों पर क्लोज सर्किट टीवी कैमरा (सीसीटीवी) अधिष्ठापन की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिला प्रशासन इस पर गंभीरता से मंथन कर रहा है। उपायुक्त अंजली यादव और पुलिस कप्तान राकेश रंजन ने कार्ययोजना को ग्रीन सिंगल दे दिए हैं। विशेषज्ञों की टीम स्थलों को चिन्हित कर रही है। सप्ताह से पंद्रह दिनों के भीतर स्थान चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद विस्तृत योजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। *सीसीटीवी के जरिए घटनाओं पर नजर रखेगी पुलिस* एक अनुमान के तहत दो से ढाई सौ स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जा सकते हैं। हालांकि जब तक जगह चिन्हित नहीं हो जाती है, तब तक यह संख्या अनुमानित है। बढ़ और घट दोनों हो सकता है। लेकिन इतना तय है कि इन सभी स्थानों पर उच्च तकनीक वाले सीसीटीवी अधिष्ठापित किए जाएंगे। कैमरों में वायर की जरूरत नहीं होगी। बल्कि यूं कहें कि वायरलेस कैमरे अधिष्ठापित किए जाएंगे। कैमरा का क्रय एवं अधिष्ठापन डीएमएफटी की राशि से होगा। कैमरों के अधिष्ठापन से आपराधिक गतिविधियों के साथ-साथ विधि व्यवस्था संधारण तथा असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाएगी। सीसीटीवी का कंट्रोल रूप पुलिस अधीक्षक कार्यालय में होगा। कंट्रोल रूम में चौबीसों घंटा अधिकारी व जिला बल के जवान प्रतिनियुक्त रहेंगे। किसी भी प्रकार की घटना एवं दुर्घटना पर कंट्रोल रूम के अधिकारी इसकी जानकारी पुलिस कप्तान को देंगे और उसके बाद तत्काल राहत पहुंचाने की दिशा में काम करेंगे। इस पूरे प्रक्रिया में चार से पांच महीने का समय लग सकता है। *क्या कहते हैं एसपी* कार्ययोजना तैयार की गई है। स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। उद्देश्य स्पष्ट है कि घटना और दुर्घटना के साथ-साथ शांति व्यवस्था को बहाल रखा जाए। उच्च तकनीक के कैमरे लगाएं जाएंगे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से उसे संचालित किया जाएगा। यही पर कंट्रोल रूम होगा। घटना अथवा दुर्घटना की फोटेज एवं वीडियो मिलते ही तुरंत बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। योजना को मुहूर्त रूप लेने में चार से पांच महीना का समय लग सकता है।

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