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Thursday, May 1, 2025
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मजदूर दिवस पर सरयू राय ने कहा अब ठेकेदार ही मजदूरों के भाग्य विधाता

जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने गुरुवार को कहा कि देश में असंगठित मजदूरों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। इनमें ठेका मजदूर भी शामिल हैं। अब तो ऐसा समय आ गया है कि ठेकेदार ही मजदूरों के भाग्य विधाता बन गये हैं। मजदूरों को अब उनकी सेवा के बदले में सुरक्षा नहीं मिलती। उदारीकरण के बाद से ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या बढ़ रही है जबकि संगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या निरंतर कम होती चली गई है।

यहां बिष्टुपुर स्थित मिलानी हॉल में जनता दल (यूनाइटेड) के तत्वावधान में मजदूर दिवस के अवसर पर आयोजित मजदूर सम्मान समारोह सह कार्यकर्ता समेमलन में बतौर विशिष्ट अतिथि उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार का रवैय़ा मजदूरों को लेकर बेहद खराब है। वे उनके बारे में सहृदयतापूर्ण तरीके से नहीं सोचते। मजदूरों की सुनी नहीं जाती।

श्री राय ने कहा कि जिन समस्याओं को कोई मजदूर यूनियन नहीं उठाता, उन समस्याओं को हमें उठाना चाहिए। न सिर्फ उठाना चाहिए वरन उनके लिए जोरदार संघर्ष भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब मजदूरों की परिभाषा भी बदल रही है। स्किल डेवलपमेंट भी अब मजदूरी की श्रेणी में है तो बौद्धिकता विकास भी अब मजदूरी की श्रेणी में आ गया है।

सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर के फैक्ट्री मालिक थानों के खिलाफ नहीं जाते। एक तरीके से इनकी नैतिकता का पतन हो चुका है। कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन्हें मुनाफे में कमी होती है तो वो उत्पादन ही बंद कर देती है। वहां कार्यरत मजदूरों के प्रति न तो उनकी कोई जिम्मेदारी समझ में आती है और न ही इंसानियत। आज के दौर में बहुत सी कंपनियां हैं, जो स्वयं मजदूर यूनियन का गठन करने लगी हैं। जब यूनियन कंपनी की गलत नीतियों के खिलाफ बोलने लगती है तब उनकी मान्यता को रद्द करवा दिया जाता है। संगठित मजदूरों को पीएफ, ईएसआई सहित अन्य लाभ मिलता है परंतु असंगठित मजदूरों को किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा नही मिलती है। हम सब को राजनीतिक दल के नाते प्रयास करना चाहिए की जो श्रम अधिनियम मजदूरों के खिलाफ हैं, उसे बदलवाने का प्रयास करें।

कार्यक्रम में पधारे राज्यसभा के सदस्य और जनता दल (यूनाइटेड) के झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष खीरू महतो ने कहा है कि असंगठित मजदूरों की देश में स्थिति बेहद खराब है। इनकी मजदूरी भी एकसमान नहीं है। आउटसोर्सिंग कंपनियों की भरमार के कारण इन मजदूरों की मजदूरी असमान हो गई है। अब वक्त आ गया है कि असंगटित मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए बड़ा आंदोलन किया जाए।

खीरू महतो ने कहा कि राज्य सरकार हो या केंद्र की सरकार, मजदूरों की मजदूरी को एकसमान बनाने में किसी की कोई दिलचस्पी नहीं है। मनमाने तरीके से न्यूनतम मजदूरी तय कर दी जाती है। जब मजदूरी तय की जाती है तो कोई मजदूर प्रतिनिधि नहीं होता। जिसके जो मन में आता है, तय कर देता है। खीरू महतो ने कहा कि अब मजदूरों को जोड़ने की जरूरत है। मजदूरों का पैसा सरकारों के पास होता है लेकिन ये जानकारी के अभाव में उस पैसे को निकाल नहीं पाते। मजदूरों को शिक्षित करने की जरूरत है। जो स्थिति बन रही है, जिस तरीके से मजदूरों का शोषण हो रहा है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि आने वाले वक्त में खोजने से भी मजदूर नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों का आइडेंटिटी कार्ड जारी होना चाहिए, ताकि उनकी पहचान हो सके। सरयू राय जी को देख कर लगता है कि हमारे बीच नीतीश कुमार ही बैठे हुए हैं। इसके पूर्व जनता दल (यूनाइटेड) के समस्त प्रकल्पों के जिम्मेदारों का एक-एक कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर जदयू के पूर्वी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव, आशुतोष राय, विश्राम प्रसाद, कौशल सिंह, अंजलि सिंह, राणा प्रताप सिंह, बलविंदर सिंह, राजकुमार सिंह, विनीत सिंह, युवा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल सिंह, अजय कुमार, बीरेंद्र पासवान, श्रवण कुमार, संजय ठाकुर, हरेराम सिंह, चंद्रशेखर राव, भास्कर मुखी, अशोक सिंह, दुर्गाराव, मृत्युंजय सिंह, विकास साहनी, असीम पाठक, प्रेम सक्सेना, संजीव सिंह, आकाश शाह, विजय सिंह, अमृता मिश्रा, नीरज सिंह, प्रकाश कोया, राजेश प्रसाद, अजीत कुमार, विकास रजक, प्रवीण सिंह, लालू गौड़, अर्जुन यादव, गौतम धर, शंकर कर्मकार, बबलू कुमार, चुन्नू भूमिज, तारक मुखर्जी, सूरज साव, नवीन गिरि, शुभम सोनी, शमशाद खान, विवेक पांडेय, पप्पू सिंह, संतोष भगत, भरत पांडेय, राजेश कुमार, निखार सबलोक, प्रलय दास, जीतू सिंह, रवि ठाकुर, विजय सिंह, अर्जुन यादव, सुलोचना देवी, सोनी सिंह, सविता, किरण, राजन राजपूत समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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