हेडुम पंचायत में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बन रहे हैं स्थानीय ग्रामीण,मंदिर और मस्जिद एक साथ बनाकर दिया भाईचारे का संदेश


लावालौंग/चतरा : प्रखंड अंतर्गत हेडुम पंचायत निवासी कामख्या सिंह भोक्ता ने हिंदू-मुस्लिम एकता की अहम मिसाल पेश कर क्षेत्र में गंगा-जमुनी तहज़ीब पेश कर दिया है। उन्होंने अपने आंगन में एक ही स्थान पर मंदिर और मस्जिद का निर्माण कर वर्षों से पूजा-पाठ और इबादत एकसाथ निभाते हुए सामाजिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। करीब 100 वर्षों से कामख्या सिंह भोक्ता न सिर्फ रामनवमी जैसे हिंदू पर्व, बल्कि मोहर्रम जैसे मुस्लिम पर्व भी पूरे श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाते आ रहे हैं। उनके घर में इन दोनों त्योहारों को समाज के सभी वर्गों की भागीदारी के साथ मनाया जाता है, जिसमें हर धर्म और समुदाय के लोग बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं। भोक्ता जी घरों में 10दिनों तक उपवास रखते हुए इस पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हुए देखा गया है।
कामख्या सिंह का कहना है, “धर्म इंसान को जोड़ने का माध्यम है, न कि तोड़ने का। सभी धर्मों का मूल उद्देश्य प्रेम, शांति और भाईचारा फैलाना है।” उनका यह दृष्टिकोण न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि समूचे समाज के लिए एक मजबूत संदेश देता है। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि कामख्या सिंह का यह प्रयास सांप्रदायिक सौहार्द को नई दिशा दे रहा है। हेडुम पंचायत ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी उन्हें एकता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। इस पहल की क्षेत्र भर में सराहना हो रही है, और लोग इसे वर्तमान समय में साम्प्रदायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता का आदर्श उदाहरण मान रहे हैं।