

चतरा : चतरा सदर प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित नीलांबर पीतांबर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर खरवार भोगता समाज विकास संघ ने वीर शहीद नीलांबर-पितांबर का 167वां शहादत दिवस मनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपायुक्त रमेश घोलप व विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह भोगता व संचालन महासचिव विजय कुमार गंझू ने की। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने नीलांबर पीतांबर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि नीलांबर-पीतांबर के वीरता की गाथा को नहीं भूलाया जा सकता है। दोनों भाईयों ने मिलकर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। देश की आजादी के लिए पहली क्रांति के दौरान दोनों अपनी वीरता का परिचय दिया था। उनके नेतृत्व में काफी संख्या में ग्रामीण अंग्रेजों के साथ आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। ब्रिटिश हुकूमत को यह रास नहीं आया और 28 मार्च 1859 को दोनों भाईयों को फांसी दे दी गई। इन दोनों भाईयों की शहादत को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि चेमो सन्या निवासी दोनो सहोदर भाई 1857 की क्रांति में कंद मूल खा कर व तीर धनुष के माध्यम से अंग्रेजों को लोहे का चना चबाने के लिए विवश कर दिया था। वर्तमान परिपेक्ष्य में उनकी शहादत को याद रखने की जरूरत है। इन दोनों भाइयों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी व भारत माता को गुलामी की जंजीर से आजाद कराने के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। भोगता समाज को उठाने में उनकी अहम भूमिका रही है। इस मौके पर बीडीओ हरिनाथ महतो, राजद महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रश्मि प्रकाश, अंबिका प्रसाद भोगता, कामेश्वर गंझू, रंजीत भोगता, बाबूलाल भोगता, छठु सिंह भोगता, ब्रह्मदेव भोगता, कमख्या गंझू, नेमधारी गंझू, छोटू भोगता सहित अन्य शामिल थे।
