सिमरिया व गिद्धौर प्रखंड में जांच टीम की बड़ी कार्रवाई, अवैध नर्सिंग होम व क्लिनिक को किया गया शील


Chatra : जिला प्रशासन चतरा द्वारा अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों एवं नर्सिंग होम पर की जा रही कार्रवाई के क्रम में मंगलवार को देर शाम सिमरिया अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत सिमरिया प्रखंड एवं गिद्धौर प्रखंड में विशेष जांच अभियान चलाया गया। यह कार्रवाई उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी के निर्देशानुसार की गई।
सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी सन्नी राज के नेतृत्व में गठित जांच टीम, जिसमें प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद, अंचल पदाधिकारी गौरव कुमार राय एवं रेफरल अस्पताल प्रभारी बी.एन. प्रसाद शामिल थे, ने सिमरिया प्रखंड अंतर्गत बगरा मोड़ स्थित पारस नर्सिंग होम और आशीर्वाद नर्सिंग होम का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि आशीर्वाद हॉस्पिटल के पास क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत लाइसेंस उपलब्ध नहीं था। फार्मेसी सेंटर में न तो स्टॉक रजिस्टर पाया गया और न ही कोई पंजीकृत फार्मेसिस्ट मौजूद था। पारस नर्सिंग होम के बेसमेंट से ब्लड टेस्ट और एक्स-रे की मशीनें बरामद की गईं, जहाँ कार्यरत केवल दो स्टाफ सदस्य मिले जो चिकित्सकीय रूप से योग्य नहीं थे और मात्र इंटरमीडिएट तक शिक्षित थे। यही स्टाफ मरीजों का ब्लड सैंपल लेते थे, ब्लड टेस्ट करते थे, रिपोर्ट तैयार करते थे और यहाँ तक कि मरीजों को स्लाइन चढ़ाने और एक्स-रे कराने का कार्य भी करते थे। वहीं दोनों नर्सिंग होम में पंजीकृत चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए तथा बिना चिकित्सक की मौजूदगी में मरीजों को एडमिट कर इंजेक्शन एवं स्लाइन चढ़ाई जा रही थी। इतनी गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए प्रशासन ने दोनों नर्सिंग होम को तत्काल शील कर दिया और इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी।
इस संदर्भ में अनुमंडल पदाधिकारी सिमरिया सन्नी राज ने कहा कि बिना पंजीकृत चिकित्सक एवं बिना आवश्यक दस्तावेज के किसी भी परिस्थिति में नर्सिंग होम अथवा क्लीनिक का संचालन किया जाना गंभीर अपराध है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान से खिलवाड़ भी है। हमारी प्राथमिकता आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा है। नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। आम जनता से अपील है कि इलाज के लिए केवल मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों पर ही भरोसा करें।
इसी क्रम में गिद्धौर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल देव के नेतृत्व में टीम ने विभिन्न पंचायतों और गांवों में संचालित निजी क्लीनिकों की जांच की। जांच के दौरान ब्रह्मपुर गांव में अवैध रूप से संचालित न्यू जनता हॉस्पिटल पाया गया। सिविल सर्जन डॉ. जगदीश प्रसाद द्वारा मौके पर पहुंचकर अस्पताल को तत्काल शील कर दिया गया। वहीं, अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों को सुरक्षित रूप से सदर अस्पताल चतरा में शिफ्ट किया गया। इस अस्पताल के संचालक कैलाश कुमार दांगी के विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है।
उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिले में बिना अनुमति एवं बिना मान्यता के संचालित किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या नर्सिंग होम को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता आमजन को सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है। साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ केवल सरकारी अथवा पंजीकृत निजी स्वास्थ्य संस्थानों से ही प्राप्त करें।