हजारीबाग पुलिस की बड़ी सफलता: 80 लाख की डकैती का खुलासा, नौ अपराधी गिरफ्तार, गहने-पिस्तौल बरामद


हजारीबाग। मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बभनी गांव में हुई 80 लाख की डकैती का पुलिस ने सफल उद्भेदन कर लिया है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने 25 सितंबर की रात गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए नौ अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से लूटे गए सोने-चांदी के आभूषण, नकदी, मोबाइल, दो मोटरसाइकिल और एक देशी पिस्तौल सहित जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं।
घटना का ब्यौरा
13 सितंबर 2025 की रात करीब आठ की संख्या में डकैतों ने ग्राम बभनी निवासी अन्निदता मल्लिक के घर पर धावा बोलकर जान से मारने की नीयत से हमला किया और करीब 80 लाख रुपये मूल्य के गहने लूट लिए। इस मामले में 15 सितंबर को मुफ्फसिल थाना कांड संख्या-155/25 दर्ज किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमित आनंद के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। तकनीकी शाखा और सतत छापेमारी की मदद से पुलिस ने अपराधियों को दबोच लिया।
गिरफ्तार अपराधी
पुलिस ने मुख्य आरोपी रणवीर कुमार सिंह उर्फ छोटू उर्फ जोकर समेत कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अपराधियों में— रणवीर कुमार सिंह उर्फ छोटू उर्फ जोकर (बभनी, हजारीबाग)। राजेश कुमार यादव (नावाखाप, कटकमसांडी)। सुरेंद्र उरांव (बारीगोला, कटकमसांडी)। विपिन कुमार सिंह (गुमला, वर्तमान रांची)। रवि राय (पटना, वर्तमान रांची)। दिनेश कुमार यादव उर्फ सन्नी (नावाखाप, कटकमसांडी)। विपुल कुमार सिंह उर्फ सुशील कुमार (बभनी, हजारीबाग)। राहुल कुमार यादव (रामनगर, कटकमदाग)। सन्नी कुमार गुप्ता (रामनगर, कटकमदाग)।
बरामद सामान : 131 सोने के आभूषण (लगभग 1100 ग्राम)। 25 चांदी के सिक्के। 6 मोबाइल फोन।
2 मोटरसाइकिल (JH02AY6087 एवं JH02BL4490)। 1 देशी पिस्तौल (Made in Japan अंकित)। 3 जिंदा कारतूस।
अपराधियों का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार आरोपियों का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। इनमें चोरी, लूट, ड्रग्स तस्करी, आर्म्स एक्ट और यहां तक कि हत्या जैसे गंभीर मामलों में संलिप्तता पाई गई है। इनमें रणवीर कुमार सिंह उर्फ छोटू उर्फ जोकर और अन्य कई आरोपी पहले भी हजारीबाग, रांची, गुमला और पटना जिलों में अपराध कर चुके हैं।
पुलिस टीम का योगदान
इस कार्रवाई में एसडीपीओ अमित आनंद के नेतृत्व में कई थाना प्रभारी और तकनीकी शाखा की टीम शामिल रही। पुलिस की इस सफलता को जिले में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह खुलासा न सिर्फ हजारीबाग पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि अपराधियों को यह संदेश भी देता है कि कानून के शिकंजे से बचना नामुमकिन है।