

लावालौंग/ चतरा : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कटिया गांव में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं लोग।एक तरफ भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रखंड क्षेत्र के कटिया गांव के नदी के चूआ से अपने प्यास बुझाने को बेवस है।यहां के ग्रामीण इस भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव के लोग चूआ का दूषित पानी पीने से लेकर खाना बनाने व बर्तन धोने का काम करते हैं।गांव का ही परमेश्वर भुइयां,अमित भुइयां,जगनी देवी, बसंती देवी ने बताया की पीने के अलावा नहाने धोने के लिए महिलाएं को काफी परेशानी होती है लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय कर नदी जाना पड़ता है।इस गांव के लोग सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।कटिया गांव के हरिजन टोला में दर्जनों लोगों का एक मात्र बुची चुवा से पानी को लेकर सहारा बना हुआ है लोग इस भीषण गर्मी में इसी चुवा से एक किलो मीटर दूरी तय कर कुएं की पानी को छान कर लाते हैं और अपनी प्यास बुझा रहे हैं।वही ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चापकल तो लगा हुआ था जिससे पानी उपलब्ध कुछ हद तक हो रहा था लेकिन उसमें ही नल जल योजना के तहत मोटर लगा दिया गया है जिससे अब न जलमीनार से पानी उपलब्ध हो पा रहा है और न चपाकल से।जल स्तर काफी नीचे चला गया है यहां।जिससे गांव में लगा जालमीनार और चापाकल सब बेकार पड़ा है।ग्रामीण कहते हैं कि हमलोगों ज्यादा पहुंच नहीं होने के कारण कोई भी आधिकारी एवं जनप्रतिनिधि ध्यान देता है। गांव का ही मीना देवी,अनीता देवी, बोधा भुइयां ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि जल मीनार लगने के बाद आज तक हम लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हुआ है। हम लोग पीने के पानी के साथ घरेलू उपयोग में भी चूए का दूषित पानी का ही उपयोग करते हैं। वहीं कुछ लोग अपने वैकल्पिक स्रोतों से भी पानी का व्यवस्था कर रहे हैं। स्थिति धूप में जलस्तर नीचे चला जा रहा है जिसके कारण नदी और कुएं भी सूखने के कगार पर है।विभागीय अधिकारी शिकायत के बाद भी लापरवाह बने हुए हैं, पूरे प्रखंड में सैकड़ो जल मीनार बदहाली के आंसू रो रहे हैं। वही ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी से कटिया हरिजन टोला में चापाकल और जल मीनार बनवाकर पेयजल उपलब्ध करवाने की अपील की है। इस संबंध में कांटिया पंचायत के मुखिया से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के माध्यम से हमें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुआ था आप लोगों के माध्यम से हमें सूचना प्राप्त हुई है जिसके बाद हमने पीएचडी विभाग को सूचना कर दिया है और जल्द से जल्द पेयजल उपलब्ध कराने की अपील की है। वही पीएचडी विभाग के एसडीओ से बात करने पर उन्होंने बताया कि नल जल योजना का फंड अभी उपलब्ध नहीं है जैसे ही फंड उपलब्ध होता है तुरंत जलमीनार को दुरुस्त किया जाएगा
इधर ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से और जनप्रतिधियों से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का अपील किया है।
लावालौंग संवाददाता,मो० साजिद