डीसी के कार्रवाई से कोयलांचल में हड़कंप, दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों पर भी जिला प्रशासन की पैनी नजर


चतरा : जिले के कोयलांचल टंडवा अंचल में भु-रैयतो के अधिकारों पर डाके का खुलासा हुआ है। अंचल कार्यालय से मिलीभगत कर सफेदपोश रैयतों के जमीन के बदले मुआवजे के अधिकारों को न सिर्फ डकार चुके हैं, बल्कि ये नियोजन के तहत मिलने वाली नौकरी के अधिकारों पर भी अवैध कब्जा कर बैठे हैं। टंडवा अंचल में संचालित कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्जनों लोगों नें नौकरी और मुआवजा लिया हैं। सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र में फर्जी जमीनी दस्तावेजों पर नौकरी और मुआवजा लेने वाले बड़े गिरोह के खुलासे के बाद कोयलांचल में हड़कंप मच गया हैं। जी हाँ यह पढ़ने और सुनने में आपको भले ही अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह मामला सोलह आने सच हैं। सीसीएल के पिपरवार एरिया में जमीन के बदले नियोजन और मुआवजा में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत के बाद उपायुक्त रमेश घोलप द्वारा सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में गठित छः सदस्यीय टीम की जांच में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके बाद जांच के दायरे में आए 22 फर्जी तरिके से नौकरी और मुआवजा लेने वाले सीसीएल कर्मियों समेत अज्ञात सफेदपोश षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध जांच टीम ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। साथ ही सीसीएल में जमीन के बदले नियोजन नीति के तहत नौकरी और मुआवजा पाने वालों की सूची तैयार कर उनके दस्तावेजों की पुनः जांच की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई हैं। मामले में गड़बड़झाले के खुलासे के बाद सख्त डीसी श्री घोलप नें अपर समहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम को अंचल से निर्गत सभी नियोजन दस्तावेजों के जांच का जिम्मा सौंपा हैं।
नौकरी और मुआवजा में गड़बड़ी की शिकायत पर कार्रवाई.
टंडवा अंचल कार्यालय द्वारा सीसीएल पिपरवार क्षेत्र को लेकर निर्गत वंशावली, भूमि सत्यापन प्रमाण पत्र व भूमि नक्शा में छेड़छाड़ कर अवैध तरीके से बाहरी लोगों को मोटी रकम वसूलकर मुआवजा और नियोजन नीति का लाभ देने की शिकायत रैयतों नें डीसी से कि थी। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसी ने सिमरिया एसडीओ सन्नी राज के नेतृत्व में छः सदस्यीय टीम का गठन कर आरोपों के उच्च स्तरीय जांच का निर्देश दिया था। साथ ही इस फर्जीवाड़े में संलिप्त अधिकारियों और कर्मियों के साथ-साथ नियोजन नीति का लाभ लेने वाले षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिये गए थे। इसके बाद टीम ने मामले की जांच की थी।
अनुसूचित जाति परिवारों की भूमि का भी फर्जी दस्तावेज तैयार कर ले ली नौकरी और मुआवजा.
सिमरिया एसडीओ के नेतृत्व में गठित जांच टीम द्वारा उपायुक्त को जांच रिपोर्ट सौंप दी गई हैं। जांच रिपोर्ट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। टीम द्वारा सौंपे गए विस्तृत जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि टंडवा अंचल अधिकारी व कर्मियों के द्वारा सीसीएल पिपरवार के कर्मियों और पदाधिकारी से साठ-गाँठ कर फर्जी बनावटी वंशावली, फर्जी लगान रसीद, हुकुमनामा व फर्जी जमाबंदी निर्गत कर सीसीएल में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गई हैं। इतना ही नहीं अंचल और सीसीएल कर्मियों व पदाधिकारियों के द्वारा अधिग्रहण क्षेत्र से बाहरी व्यक्तियों को षड्यंत्र के तहत पिपरवार क्षेत्र में मुआवजा और नियोजन नीति के तहत नौकरी का लाभ भी दिया गया है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि अंचल कर्मियों के द्वारा क्षेत्र के गैरमजरूआ खास खाता कि जमीन का फर्जी लगान रशीद एवं हुकुमनामा तैयार कर गलत तरिके से जमाबंदी कर दी गई हैं। इतना ही नहीं अवैध जमाबंदी के आधार पर वंशावली तैयार कर बाहरी व्यक्तियों को नियोजन नीति और मुआवजा का लाभ तक दे दिया गया है। जांच टीम के द्वारा यह भी बताया गया हैं कि बनावटी एवं फर्जी कागजातों के आधार पर संगठित तरीके से भूमि सत्यापन कर सीसीएल के अधिग्रहण क्षेत्र से बाहर के व्यक्तियों के द्वारा धोखाधड़ी से सीसीएल में नौकरी और मुआवजा लिया गया हैं। रैयतों को उनके अधिकारों से वंचित करने को लेकर रचे गए इस संगीन फर्जीवाड़े मे संलिप्त फर्जी तरीके से सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने वाले 22 व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीसीएल में नौकरी और मुआवजा लेने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
संगठित गिरोह नें रचि फर्जीवाड़े की पटकथा, शिकार हो गए रैयत
छः सदस्यीय जांच टीम द्वारा समर्पित जांच रिपोर्ट के अनुसार सीसीएल के द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के अधीन जमीन अधिग्रहण करते समय संबंधित परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण के समय बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई हैं। जिसके कारण विस्थापित होने वाले व्यक्तियों और परिवारों को मिलने वाले मुआवजा एवं नौकरी के प्रावधानों से एक संगठित गिरोह द्वारा तैयार फर्जी दस्तावेज व बनावटी हस्ताक्षर के अलावे फर्जी जांच प्रतिवेदन का उपयोग कर संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के द्वारा प्रशासन व सीसीएल के साथ-साथ स्थानीय विस्थापितों को सुनियोजित तरिके से धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया हैं। इतना ही नहीं इनके द्वारा क्षेत्र से बाहर के संगठित गिरोह के षड़यंत्रकारी सफेदपोशों को नौकरी एवं मुआवजा राशि गलत तरीके से दे दी गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार संगठित गिरोह द्वारा किए गए इस कृत में कुछ सरकारी कर्मी व पदाधिकारियों के साथ-साथ सीसीएल के पदाधिकारी और कर्मियों की संलिप्तता स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुई है।
फर्जीवाड़े से अर्जित मुआवजा राशि की भी होगी रिकवरी, नियोजन दस्तावेजों का अपर समाहर्ता नें नेतृत्व में गठित टीम पुनः करेगी जांच
टंडवा अंचल में सीसीएल की पिपरवार परियोजना में बड़े पैमाने पर नौकरी और मुआवजा राशि वितरण में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद उपायुक्त रमेश घोलप काफी सख्त नजर आ रहे हैं। डीसी ने फर्जीवाड़े में संलिप्त कर्मियों और पदाधिकारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई को लेकर अपर समाहर्ता अरविंद कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का अलग से गठन किया है। यह टीम फर्जीवाड़े में दोषी अन्य पदाधिकारी और कर्मियों को चिन्हित करने के साथ-साथ सीसीएल में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करने एवं दोषी सीसीएल कर्मियों व पदाधिकारी को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई सुनिश्चित कराने को लेकर अंचल कार्यालय से समन्वय स्थापित करते हुए सभी संदिग्ध मामलों के दस्तावेजों का पुनः सत्यापन करेगी। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद टीम डीसी को जांच रिपोर्ट समर्पित करेंगी।
सीसीएल को भी चेताया, दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश
सीसीएल परियोजनाओं में अंचल और सीसीएल कर्मियों के मिली भगत से नौकरी और मुआवजा में धांधली के खुलासे के बाद डीसी रमेश घोलप पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने सीसीएल प्रबंधन को भी गलत तरीके से नौकरी पाने वाले व्यक्तियों एवं इस षड्यंत्र में शामिल कर्मियों और पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही साथ उपायुक्त ने सीसीएल प्रबंधन को अंचल कार्यालय और जिला राजस्व कार्यालय से संपर्क स्थापित करते हुए इस तरह के अन्य संगीन मामलों का पुनः सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया है। डीसी ने कहा है कि जमीन के बदले नियोजन और मुआवजा से वंचित योग्य लाभुकों को नियमानुसार नौकरी व मुआवजा का लाभ दिलाने के प्रति जिला प्रशासन पूरी तरह कृतसंकल्पित है। इस तरह के गंभीर फर्जी प्रवृत्ति के मामले में सम्मिलित व्यक्तियों, कर्मियों और पदाधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा हैं कि किसी भी सूरत में इस गिरोह में शामिल सफेदपोश षड्यंत्रकारी अधिकारियों और कर्मियों को बक्सा नहीं जाएगा।