

Chatra : लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के सिलदाग पंचायत के प्राथमिक विद्यालय तिलोरवातरी में प्रबंधन से लेकर विभाग तक की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। ज्ञात हो कि उक्त विद्यालय में पूर्व से इसी गांव की कसीदा देवी रसोईया के पद पर पदस्थापित थी।परंतु विगत तीन वर्ष पूर्व हुए मुखिया के चुनाव में कसीदा देवी मुखिया चुनाव लड़ी और मुखिया बन गई। विभागीय नियमावली के अनुसार पदभार ग्रहण करने से पूर्व मुखिया को अपने पूर्व पद से त्यागपत्र देना था। परंतु मुखिया पति ने दबंगई से विद्यालय प्रबंधन पर दबाव बनाते हुए ना ही मुखिया का त्यागपत्र कराया और ना ही नए रसोईया के नाम से खाता ट्रांसफर कराया।वर्तमान में रसोईया का कार्य मुखिया की सास करती है।जिनके नाम का खाता वगैरह यानी कोई भी जिक्र स्कूल में नहीं है। मुखिया( कसीदा देवी) की सासू मां ने बताई कि मैं खाना बनाती हूं उससे जो पैसा मिलता है उसमें से कभी कभी मुझे मिलते हैं मांगने पर। रूपए मेरे बेटे रंजीत भारती के द्वारा दिया जाता है। मामला उजागर होने के बाद प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने पत्र निर्गत कर त्वरित जांच का आदेश बीआरपी अनिल गुप्ता एवं आपरेटर रंजीत कुमार को दिया। जांच के बाद उन्होंने बताया कि जांच के दौरान प्रधानाध्यापक सुरजीत यादव विद्यालय में अनुपस्थित थे। फोन करने पर वे फोन रिसीव नहीं किया। हालांकि जांच और कार्यालय दस्तावेजों की जांच के बाद कसीदा देवी का ही नाम खाते में पाया गया है। बीपीओ ईश्वर राम ने बताया कि प्रधानाध्यापक सुरजीत यादव के द्वारा वर्षों से विभाग को जानकारी न देकर गुमराह करने का कार्य किया गया है।इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण और अब तक भुगतान किए गए राशि का रिकवरी किया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि पंचायत का प्रमुख होने के बावजूद इस प्रकार का कार्य पंचायत के साथ भी धोखाखड़ी है। इस पर वरीय पदाधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
लावालौंग संवाददाता मोहम्मद साजिद