जिले के सभी प्रखंडों में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस शांति पूर्ण ढंग से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाली गई ।नबी सिर्फ इस्लाम धर्म वालो के लिए नही बल्कि पुरी दुनिया के लिए रहमत बनकर भेजे गए।उलमा ए एकराम



चतरा जिला के अव्वल मोहल्ला हंटरगंज प्रतापपुर,लावालौंग, सिमरिया,टंडवा,पथलगड्डा,गिद्धौर,इटखोरी,मयूरहंड, एवं कान्हाचट्टी में जश्न ईद ए मिलादुन्नबी का पारंपरिक जुलूस बड़े ही अकीदत व एहतराम के साथ निकाला गया। प्रशासन के द्वारा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया था। ईद मिलादुन नबी के जुलूस में नात ए पाक पढ़ी जा रही थी।मुहम्मद का आमद मरहबा,पत्ता पत्ता फूल फूल या रसूल या रसूल के नारों से सड़क गली मुहल्ला गुंजमय होता रहा।जुलूस का नेतृत्व मस्जिदों के इमामों और सदरों के अतिरिक्त सामाजिक कार्यकर्ता और नेता कर रहे थे। नुक्कड़ सभाओं के द्वारा उलमाओं ने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की आमद (जन्म) और उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ईश्वर ने अपने नबी को मक्का में उसे समय मबऊस (पैदा) फरमाया जब पुरा मक्का ही पुरी दुनिया अंधभक्ति और जहालत में डूबी हुई थी। उस घनाघोर और अंधकार से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। बेटियां जिंदा दफन की जा रही थी तो कही जलाई जा रही थी। भेदभाव छुआ छूत ऊंच नीच और खानदानो में लड़ाई, झगड़ा, कत्ल ,हत्या चरम सीमा पर था कोई न्याय दिलाने या देने के लिए तैयार नहीं था।ऐसे विपरीत परिस्थिति में पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्ललाहु अलैहे वसल्लम की आमद दुनिया के लिए एक रौशीन की किरण साबित हुई। उन से बचपन से ही नबूवत और नबी होने के इशारे नमूदार हो रहे थे। उन्होंने विपरीत परिस्थिति में एकवश्वर वाद का संदेश दिया तो मक्का के लोग विरोध पर खडे हो गए। उन्होंने ईश्वरीय शक्ति के बाबत कई अनूठे बात रखें जिससे लोग अचंभित हो उठे। उन्होंने कहा कि बेटियां ईश्वर की अनमोल तोहफा हैं। इन्हें जिंदा ना दफनाओ बल्कि उनकी शिक्षा दीक्षा और परवरिश पर पूरी तत्परता से ध्यान दो। समाज में बेटियां अछूत नहीं हैं।नबी मानवता का संदेश दिया और मानवीय मूल्यों को उजागर करते रहे।उनके व्यवहार,चरित्र और ईमानदारी से लोग प्रभावित होकर उनके पास सुरक्षा के दृष्टिकोण से अपनी कीमती सामान रखा करते थे।लोगों के बीच इंसानियत और भाई चारे का पैगाम आम किया।हत्या लूट मार जैसे घिनौनी चीजों से लोगों को मना फरमाया।उलमाओं ने यह भी संदेश दिया की महिलाओं को सुरक्षा और मान सम्मान और बराबरी के अधिकार दिलवाए।उनके आमद से पहले महिलाएं दासियां या बिकाऊ चीज हुआ करती थी।सामाजिक ताना बाना और आपस में प्रेम मुहब्बत से जीवन गुजारने का संदेश दिया।इतना ही नहीं उनके जीवन में कई विपरीत परिस्थितियां आई परंतु सच और हक के साथ खड़े रहे।उन्होंने महिलाओं के शिक्षा पर जोर दिया।देश प्रेम का संदेश दिया।चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ कराया और कहा कि सभ्य और ईमानदार व्यक्ति ही खलीफा होगा।ईश्वर एक है का संदेश दिया।दुनिया का रचियता एक ईश्वर है और वही पूजनीय है।उलमाओं ने आगे कहा कि नबी ने फरमाया है कि दुनिया में किसी का हक न मारो किसी भी जीव जंतु को तकलीफ न दो।पड़ोसी का ख्याल रखा करो।अपने देश के नागरिकों को अपना भाई जानो।किसी के धार्मिक मामले में न पड़ो और ना ही उसे आहत पहुचाओ।उलमाओं ने कहा कि आज के परिवेश में नबी की बातों पर अमल करना हम सब की जिम्मादारी है।नबी सिर्फ इस्लाम धर्मावल्बियों के लिए संदेश लेकर नही आए बल्कि पूरी दुनिया के इंसान के लिए संदेश दिया है।ईश्वर ने अपने नबी को पुरी कायनात के लिए रहमत बना कर भेजा।