अनुसूचित जाति ( SC ) सीट से नामंकन करने वाले भोक्ता प्रत्याशी अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव । उपायुक्त द्वारा जारी चिट्ठी के पश्चात सुबह से ही सोसल मीडिया में मैसेज के माध्यम से फैली थी भ्रम की स्थिति ।
इस संदर्भ में उपायुक्त अंजली यादव ने बताई कि पत्रांक 226 दिनांक 24/04/2022 का निर्गत पत्र को पत्रांक 341 दिनांक 05/05/2022 को विलोपित किया गया । उन्होंने बताया कि भारत सरकार के द्वारा 8 अप्रैल को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था । जिसमें कुछ जाति को SC से ST में शामिल किया गया है । इस नोटिफिकेशन में हमारे जिले के कुछ कास्ट भोक्ता , गंझु जैसे जाति के लोगों को शामिल किया गया है । 08 अप्रैल के नोटिफिकेशन में अनुसूचित जाति से अनुसूचित जन जाति में शामिल किया गया है । 9 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई । उन्होंने यह भी बताया कि 8 अप्रैल को ही SC ST में कौन कौन शामिल किए गए है यह निर्धारण कर दिया गया है । कार्मिक का सर्कुलर यही कहता है कि स्क स्ट कास्ट का निर्धारण केंद्र सरकार करती है । राज्य सरकार एससी एसटी कास्ट निर्धारण नहीं करती है । SC, ST निर्धारण करने का केंद्र सरकार की सूची होती है । इसी लिए मैंने सभी विभागों से मार्गदर्शन मांगा था । जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग , कार्मिक विभाग , पंचायती राज विभाग के अलावे लीगल ओपिनियन भी लिया गया है । उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पहली बात भोगता , गंझु एसटी में आ चुके है । 24 अप्रैल के चिट्ठी में साफ यह लिखा है कि अगर कोई एससी भोगता ,गंझु प्रत्यासी एसटी सीट से अपना नामंकन दाखिल कर है तो उनके पास एसटी का जाति प्रमाण पत्र नहीं होगा क्योंकि कार्मिक के द्वारा प्रक्रियाधीन है वैसे में किसी भी प्रत्यासी का नामांकन रद्द नहीं हो
वही निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष ममता देवी ने चतरा उपायुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि उपायुक्त और उनके विभाग के अधिकारियों के बयान में ही काफी मदभेद है । उपायुक्त अपनी मनमानी कर रही है जिसका खामियाजा भोगता समाज को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से वंचित रखा गया है । कुन्दा, लावालौंग प्रखण्ड क्षेत्र भोगता बहुल क्षेत्र होने के बावजूद हम सभी को चुनाव में भाग लेने से वंचित कर दिया गया है जिसका भोगता समाज घोर विरोध करते हुए वोट बहिष्कार का फैसला किया है ।