

हजारीबाग | हजारीबाग जिला कांग्रेस में जिला अध्यक्ष के मनोनयन को लेकर घमासान मच गया है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर नियम तोड़कर मनमाने ढंग से अध्यक्ष नियुक्त करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा तय चयन प्रक्रिया को हजारीबाग में पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया गया है।
जानकारी के अनुसार, एआईसीसी पर्यवेक्षक सुदीप राय बर्मन सहित प्रदेश के तीन पर्यवेक्षकों ने हजारीबाग में एक सप्ताह से अधिक समय तक रहकर जिला अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया पूरी की थी। इस दौरान सभी ब्लॉकों का भ्रमण, कार्यकर्ताओं से रायशुमारी, और 18 उम्मीदवारों के फॉर्म व इंटरव्यू लिए गए थे। इसके बावजूद, जिस व्यक्ति ने न तो फॉर्म भरा और न ही इंटरव्यू दिया, उसे पैसे के बल पर जिला अध्यक्ष बना दिया गया।
कार्यकर्ताओं ने इसे कांग्रेस के सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यदि इस निर्णय को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा वापस नहीं लिया गया, तो वे प्रदेश कार्यालय के सामने आत्मदाह करेंगे।
उन्होंने साफ कहा कि हजारीबाग में भाजपा से आए नेता, जो एमपी और एमएलए चुनाव भी लड़ेंगे, उन्हें जिला अध्यक्ष बनाना पार्टी की विचारधारा के साथ विश्वासघात है।
इस पूरे विवाद की जानकारी झारखंड प्रभारी के. राजू को भी दी गई है। साथ ही राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं को ईमेल के माध्यम से स्थिति से अवगत कराया गया है। जिसमें संजय तिवारी, डॉ प्रकाश कुमार, सुरजीत नाग वाला, विनोद कुशवाहा, शैलेंद्र कुमार यादव, दिलदार अंसारी, साजिद अली खान, मिथिलेश दुबे, देव कुमार राज, महेश कुमार साहू, भैया असीम आदि दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी।
कार्यकर्ताओं का दो टूक बयान : “हजारीबाग कांग्रेस में बिना परीक्षा बैठे फर्स्ट डिवीजन से पास होना अब आम बात हो गई है। अगर यह निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो हम विवश होकर आत्मदाह करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की होगी।”