अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कौलेश्वरी पर्वत के तलहटी में श्रद्धालुओं के लिए कोई प्रबंध नहीं। जलमीनार और चपाकल खराब पानी के बूंद बूंद के लिए तरसते है श्रद्धालु।


Chatra : हंटरगंज प्रखण्ड के हटवारिया स्थित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कौलेश्वरी पर्वत के तलहटी में अव्यवस्था का आलम है।दर्जनों चपाकल है लेकिन श्रद्धालुओं को एक बूंद भी पानी नहीं मिल पाता है।सभी खराब पड़े हुए हैं।जालमीनार भी हैं लेकिन पानी का अभाव है और स्टाटर महीनों से खराब पड़ा हुआ है।जल जमाव से वातावरण दूषित हो रहा है।।मुंडन के जगह पर गंदगी का अंबार है।श्रद्धालुओं के द्वारा बलि दी जाने वाले स्थानों का भी यही हाल है।अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो होली,रामनवमी और कौलेश्वरी महोत्सव के अवसर पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।सोलर लाइट खराब पड़ा हुआ है।सीसीटीवी कैमरा है जो सिर्फ शोभा का वस्तु बनकर रह गया है।जबकि कौलेश्वरी पर्वत पर हिन्दू,जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों का पवित्र स्थानों से एक यह भी है।इस पर्वत पर जापान,भूटान,चीन,नेपाल समेत कई देश विदेश के श्रद्धालुओं का आवागमन सालों भर रहता है। स्थानीय समाज सेवी सह कौलेश्वरी में रख रखाव करने वाले मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि कौलेश्वरी प्रबंधन समिति की उदासीनता के कारण ही कुव्यवस्था का आलम उत्पन्न हुआ है।कौलेश्वरी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह एसडीओ समिति के सचिव सह सीओ और सदस्यों ने इस दिशा में अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है जिस से देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को समुचित सुविधा मिल सके।वहीं कौलेश्वरी के तलहटी में दुकान लगाने वाले अशोक साव ने इस कुव्यवस्था पर कौलेश्वरी प्रबंधन समिति को दोषी ठहराया है। कौलेश्वरी पर्वत पर साफ सफाई के लिए महेंद्र गंझू और प्रेमन गंझू बहाल है तो तलहटी में समफूलवा देवी और राजेश गंझू हैं फिर स्वक्षता पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। सफाई कर्मियों ने बताया कि पांच हजार रुपया ही मिलता है वह भी कई महीना बाद मिलता है।साफ सफाई की सेफ्टी के लिए न ग्लोब्स मिलता है और न ही मास्क और न ही गार्बेग्स।यहां तक कि झाड़ू और टोकरी भी नहीं दिया जाता है तो साफ सफाई कैसे किया जाए।इतना कम राशि से इस महंगाई में किया होता है शुरू से जो पांच हजार बांधा गया है वहीं मिलता है कई बार ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है।स्थानीय सांसद और विधायक के रहते भी कौलेश्वरी में बुनियादी सुविधा होगी बहाल या नहीं यह समय के गर्भ में है।