

चतरा समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आज उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अबुआ आवास, मनरेगा योजनाओं तथा झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (JSLPS) के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की संयुक्त विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक, बीपीएम, बीपीओ, एफपीओ समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
*मनरेगा एवं आवास योजनाओं की प्रगति समीक्षा*
बैठक में वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, मनरेगा पार्क, बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना समेत मनरेगा अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं का उद्देश्य केवल भौतिक ढांचा खड़ा करना नहीं, बल्कि ग्रामीण जनजीवन में स्थायी सुधार लाना है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत किस्त की राशि प्राप्त हो चुकी है, उनके अधूरे आवास कार्य की निरंतर मॉनिटरिंग कराते हुए कार्य शीघ्र पूरा कराया जाए। आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिन केंद्रों के लिए राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है, लेकिन निर्माण कार्य अब तक अधूरा है, उनके विरुद्ध नियमसम्मत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार आपूर्तिकर्ताओं को चिन्हित किया जाए।

आवास योजनाओं की प्रगति पर विशेष जोर देते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में द्वितीय किस्त का भुगतान प्राप्त करने वाले सभी लाभुकों के आवास शत-प्रतिशत पूर्ण कराए जाएं। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री जनमन आदिवासी न्याय महाअभियान योजना अंतर्गत तृतीय किस्त प्राप्त करने वाले सभी लाभुकों के आवास निर्माण कार्य को किस्त के अनुरूप समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया गया।
अबुआ आवास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में तृतीय किस्त प्राप्त करने वाले सभी लाभुकों के आवासों को भी पूर्णत: तैयार कराने पर बल दिया गया। उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में पंचायत सहायकों/पंचायत सचिव को आवास एवं अन्य विकासात्मक योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक सक्रिय और लक्ष्य-उन्मुख बनाएं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जिन पंचायत सहायकों और पंचायत सचिवों का प्रदर्शन मानक के अनुरूप नहीं पाया जाएगा, उन्हें चिह्नित कर नियमसम्मत कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि पंचायत स्तर पर योजनाओं की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करना पंचायत सहायकों की सीधी जिम्मेवारी है और इस दायित्व में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
*जेएसएलपीएस की उपलब्धियां और भविष्य की दिशा*
बैठक में जेएसएलपीएस के अंतर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह गठन, संकुल संगठन (सीएलएफ) के क्वार्टरली ऑडिट, भौगोलिक ग्राम कवरेज, महिला किसान मोबिलाइजेशन, कृषक सखी एवं पशु सखी लक्ष्यों आदि पर प्रखंडवार विस्तृत चर्चा की गई। जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा यह जानकारी दी गई कि इटखोरी प्रखंड स्थित धनखेरी मॉडल संकुल स्तरीय संगठन ने जिले का नाम रोशन करते हुए आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार 2024 में देशभर में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इस संगठन का चयन पाँच वर्ष से अधिक पुराने संगठनों की श्रेणी में हुआ है और इसकी अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष को 14 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाएगा। साथ ही वे 15 अगस्त को दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी भाग लेंगी। उपायुक्त ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए इसे अन्य संगठनों के लिए प्रेरणादायक बताया।
*महत्वपूर्ण निर्देश एवं समयबद्ध लक्ष्य*
बैठक में उपायुक्त द्वारा निम्नलिखित निर्देश दिए गए यथा पीएम कुसुम योजना के तहत वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में 5000 लक्ष्य पूर्ण करने का निर्देश, साथ ही प्रखंडवार लक्ष्य निर्धारण। सभी सीएलएफ के भवनों की वर्तमान स्थिति एवं सूची शीघ्र जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश। महिला किसान मोबिलाइजेशन में कमजोर प्रदर्शन वाले प्रखंडों के बीपीएम को शो कॉज़ नोटिस जारी करने का आदेश। एफपीओ/एफपीसी को ₹7 करोड़ के वित्तीय लक्ष्य 31मार्च 2026 तक पूरा करने का निर्देश। साथ ही सभी एफपीओ को 15 सितंबर 2025 तक 1500 सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया।प्रदर्शन में सुधार न होने पर संबंधित बीपीएम का वेतन रोकने की चेतावनी, जबकि उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रोत्साहन। कृषक सखी एवं पशु सखी लक्ष्यों को एक सप्ताह में पूर्ण करने का आदेश, साथ ही रिपोर्ट जिला कार्यालय को समर्पित करने का निर्देश। सभी लखपति किसान एवं “मईया सम्मान” लाभुकों को PM कुसुम योजना से जोड़ने का निर्देश। जिन FPOs में संरचना संबंधी समस्याएं हैं, उनके समाधान के लिए भवन निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित करने के आदेश।
*कठोर निगरानी और पारदर्शी क्रियान्वयन पर जोर*
बैठक के दौरान उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए कठोर निगरानी, पारदर्शिता, और समयबद्धता बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने स्तर से योजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा करें, समस्याओं का तत्काल समाधान निकालें, और लाभुकों तक योजना का सीधा लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएं।
*उपायुक्त का संदेश*
अंत में उपायुक्त ने कहा हमारा लक्ष्य केवल योजनाओं को पूरा करना नहीं, बल्कि गांव-गांव तक खुशहाली पहुंचाना है। जब तक योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचेगा, हमारा कार्य अधूरा रहेगा। सभी अधिकारी और कर्मी इस जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और जिले को राज्य में आदर्श बनाने के लिए मिलकर कार्य करें।