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Friday, October 17, 2025
Hazaribagh News

झारखंड जन संस्कृति मंच का भव्य कवि सम्मेलन,चार घंटे चले साहित्यिक आयोजन में कवियों ने बांधा समां, रचनाओं ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

हजारीबाग | झारखंड जन संस्कृति मंच, हजारीबाग द्वारा आयोजित मासिक कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन एम.जे. कॉम्प्लेक्स स्थित मिराकल इंग्लिश कोचिंग सेंटर में किया गया। साहित्य और संस्कृति के इस चार घंटे लंबे उत्सव में बड़ी संख्या में कवि, साहित्यकार और साहित्यप्रेमी शामिल हुए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुरेंद्र सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मिथिलेश कुमार कर्ण और विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षक सह कवि राजेश्वर कुमार उपस्थित रहे।

सम्मान और स्वागत से हुई शुरुआत

आयोजन की शुरुआत झारखंड पेंशनर कल्याण समाज, हजारीबाग की नई कमेटी के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों — अध्यक्ष राजु विश्वकर्मा, सचिव अजय कुमार और कोषाध्यक्ष मिथिलेश कुमार कर्ण — के माल्यार्पण और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मान से हुई।

मंच के सचिव एवं संरक्षक शंकर गुप्ता ने सभी साहित्यकारों और श्रोताओं का स्वागत करते हुए रचनात्मकता को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।

कविताओं, गीतों और ग़ज़लों की अनोखी छटा

आयोजन में कवियों की विविध रचनाओं ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।

डॉ. प्रमिला गुप्ता ने “आदमी कब समझेंगे” और “चल-चल कवि गांवों की ओर” कविताओं से कार्यक्रम का आगाज़ किया। सुरेंद्र सिंह ने माघ महीने पर आधारित खोरठा गीत सुनाकर खूब वाहवाही पाई। मिथिलेश कुमार कर्ण ने “जय नगर स्टेशन की कटु-मधुर यादें” संस्मरण से श्रोताओं को भावुक कर दिया। अरविंद पटेल ने हास्य-व्यंग्य गीतों से माहौल को हल्का और मनोरंजक बना दिया। आशु कवि संजय हजारीबागी की “बलिदान की कीमत” रचना ने देशभक्ति की भावना को जागृत किया। डॉ. रमेश शर्मा ने “मानुषेक धर्म” और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की “दरबारी वतन में एक दिन” का पाठ कर खूब सराहना बटोरी। डॉ. करन कशिश की “बुझता हुआ दीया” और सुप्रिया रश्मि की “सुनो भ्रष्टाचारियों” कविता ने साहित्यिक गहराई की छाप छोड़ी। आसिफ अली की ग़ज़लें और संजीत कुमार के खोरठा गीतों ने कार्यक्रम में रंग भर दिए।

अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह ने कहा कि यह आयोजन साहित्य और समाज के बीच संवाद का सेतु है। उन्होंने विशेष रूप से डॉ. प्रमिला गुप्ता की प्रकृति पर आधारित कविताओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं साहित्य जगत के लिए बहुमूल्य योगदान हैं।

कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. प्रमिला गुप्ता ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शंकर गुप्ता ने दिया।

यह कवि सम्मेलन न केवल साहित्यिक अभिव्यक्ति का मंच साबित हुआ, बल्कि इसने हजारीबाग की सांस्कृतिक विरासत और सृजनशीलता को नई ऊंचाइयां भी दीं।

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