बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन


Chatra : बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जो बच्चों के जीवन को प्रभावित कर उनके भविष्य को अंधकारमय बना देता है। इस सामाजिक कुप्रथा के उन्मूलन के लिए चतरा जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में दिनांक 29 मई 2025 को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट सह प्रशिक्षण भवन हॉल चतरा में जिला बाल संरक्षण इकाई, चतरा के तत्वावधान में जिले के सभी बाल विवाह निषेध पदाधिकारियों (CMPOs) के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत पदाधिकारियों की भूमिका, अधिकार एवं जिम्मेदारियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती ममता कुमारी उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथियों में अपर समाहर्ता श्री अरविंद कुमार, एसडीओ सिमरिया श्री सन्नी राज, एसडीओ चतरा मो. ज़हूर आलम, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती रीना साहू, एवं प्रशिक्षक श्री अभय अवस्थी (इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन) शामिल थे।
इस अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम में सक्रिय योगदान देने वाले पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में प्रखंड विकास पदाधिकारी – सिमरिया एवं हंटरगंज, अंचलाधिकारी – सिमरिया एवं लावालोंग एवं पंचायत सचिव – जबड़ा पंचायत शामिल हैं। इन अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशंसनीय भूमिका निभाई है।कार्यशाला में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी गई, साथ ही पदाधिकारियों की भूमिका और कर्तव्यों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के उत्तर प्रश्न-उत्तर सत्र में प्रशिक्षक द्वारा दिए गए। इस अवसर पर श्रीमती ममता कुमारी, जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि चतरा जिला राज्य से एक अति दूरस्त जिला है जहाँ बाल विवाह जैसी कई सामाजिक चुनौतियाँ मौजूद हैं। इनसे निपटने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। मुझे विश्वास है कि यह कार्यशाला अधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन के लिए प्रेरित और सक्षम बनाएगी। श्री अरविंद कुमार, अपर समाहरकर्ता ने कहा कि “बाल विवाह केवल एक पीढ़ी नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी को भी प्रभावित करता है। यह हमारे समाज के विकास में बाधा है, जिसे समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है।”
श्री सन्नी राज, एसडीओ सिमरिया ने कहा, कि “बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने क्षेत्र में सक्रिय रूप से इस सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए कार्य करें। आज की प्रशिक्षण में हमारे संदेहों को दूर करने और समझ को बेहतर बनाने का अवसर है। इस प्रशिक्षण में श्रीमती अरुणा प्रसाद (जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी), चंदन कुमार (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट एसोसिएट) एवं पम्मी कुमार, आशीष राम के साथ लगभग 200 बाल विवाह निषेध पदाधिकारी एवं अन्य चतरा जिले के विभिन्न प्रखंडों से शामिल हुए।