लावालौंग/चतरा : थाना क्षेत्र अन्तर्गत सिलदाग पंचायत के नावाडीह गांव के एक मासूम बच्चे की झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज से दौरान मौत हो गई।मृतक के पिता महेंद्र गंझू ने बताया कि उसके चार वर्षीय पुत्र लड्डू कुमार को बुखार और दस्त की शिकायत थी। जिसे लेकर हम नावाडीह ( मिडिल स्कूल के समिप ) क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर टुनटुन के पास गए। जहां टुनटुन कुमार ने मेरे पुत्र को अपने पास एडमिट कर लिया और उसका स्लाइन शुरू कर दिया।कुछ देर तो स्थिति सामान्य बनी रही लेकिन थोड़ी देर बाद लड्डू की तबीयत अचानक से और खराब होने लगी।फिर भी डॉक्टर के द्वारा ना तो उसे कहीं रेफर किया गया और न हीं उसका कोई उचित इलाज किया । जिसके कारण लड्डू कुमार की टुनटुन के क्लीनिक पर ही मौत हो गई। ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी यही झोलाझाप डॉक्टर ने एक ननकु रविदास को गलत तरीके से ईलाज के दौरान मौत के मुंह में धकेल दिया गया था। इस तरह के कई बार थाना क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधित अलग-अलग मामलों में कई लोगों की जान जा चुकी है। जिसमें सामान्य बुखार से लेकर प्रसव संबंधित बीमारियों तक के मरीजों की मौत हुई है। इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है की प्रखंड क्षेत्र के किसी भी पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है। पंचायतों में स्वास्थ्य केंद्र तो बनाए गए हैं लेकिन उनमें डॉक्टर ही नहीं हैं। जिसके कारण लाचार होकर ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों के शरण में जाना पड़ता है, और गलत तरीके से ईलाज के दौरान अपनी जिन्दगी को मौत के हवाले कर देना पड़ता है। जिसकी कीमत ग्रामीण अपनी जान देकर चुकाते हैं।
संवाददाता, मो० साजिद