

लावालौंग/चतरा: भारत सरकार या राज्य सरकार भले ही हर गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा का दावा करे, लेकिन लावालौंग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां किरण देवी पिता केसर यादव से अस्पताल की स्वास्थ्यकर्मी ( ANM) मंजू देवी के द्वारा प्रसव के बदले 2000 रुपए की खुलेआम मांग की।
परिजनों के अनुसार, महिला का सफल प्रसव सुबह में नॉर्मल तरीके से हो गया था, लेकिन पैसे नहीं देने के कारण रात 9:30 बजे तक छुट्टी नहीं दी गई। इस दौरान महिला को ना तो दवा दी गई, ना ही भोजन और पानी उपलब्ध कराया गया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मंजू देवी ( ANM) ने ममता वाहन को भी वापस भेज दिया, जिससे प्रसूता और उसके परिजनों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में प्रसव की पूरी प्रक्रिया निःशुल्क होती है, साथ ही ‘जननी सुरक्षा योजना’ और ‘ममता वाहन योजना’ के तहत महिलाओं को हर संभव सुविधा प्रदान की जाती है। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई सवालिया खड़ा हो जाती है।व्याप्त भ्रष्टाचार और दिनदहाड़े रुपए की माँग को उजागर भ्रष्टाचार चरसीमा पर देखा जा सकता है। इसके पूर्व में भी और इसी घटनाएं आए दिन हो रहे हैं।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश देखा गया। लोगों ने स्वास्थ्यकर्मी ( ANM )पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और इस पूरे मामले की जांच तथा जिम्मेदारों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। एएनएम मंजू देवी ने बताया कि प्रसव 48 घंटे के बाद छुट्टी दिया जाता है और इन लोगों ने उससे पहले छुट्टी मांग रहा था जिसमें हम मना किया और क्या है टाइम पूरा होने के बाद छुट्टी दिया जाएगा जिसे लेकर हम पर आरोप लगाया जा रहा है
अनुमंडल रिपोर्टर,मो० साजिद