लावालौंग जहां कभी गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप जाती थी लोगों की रुह, अब यहां के कौशल यूपीएससी की परीक्षा में लहराया परचम
चतरा जिले का शैक्षणिक फिजा बदल रहा है। धीरे धीरे ही सही चतरा जिले के माथे पर लगा उग्रवादी जिले का कंलक का टीका यहां के होनहार बच्चे मिटा रहे हैं। जिले का अति उग्रवाद प्रभावित लावालौंग प्रखंड जहां कुछ वर्ष पूर्व तक गोलियों की तड़तड़ाहट से यहां के लोगों की रुह कांप जाती थी, अब यहां के बच्चे यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर अधिकारी बन रहे हैं। लावालौंग के बांदू गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अर्जुन साहू के पुत्र कौशल किशोर यूपीएससी की परीक्षा पास कर राज्यसभा अधिकारी बनें हैं। फिलहाल इनका परिवार शहर के दीभा मोहल्ला में पुरैनिया तालाब के पास रहता है। कौशल किशोर का चयन यूपीएससी के द्वारा आयोजित जेटीओ (राजभाषा अधिकारी), ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ( भारत सरकार ) परीक्षा में 32 वां रैंक के साथ हुआ है। कौशल अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, दीदी-जीजा, ईश्वर एवं गुरुजनों को दिया है। इससे पहले भी कौशल किशोर सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार के स्तर तक पहुंचे थे। इसके अलावा केंद्र व राज्य के विभिन्न परीक्षाओं में भी अंतिम पड़ाव तक पहुंच चुके थे। परंतु उन्होंने निराशा को सफलता के रूप में तब्दील किया और देश का सर्वोत्तम आयोग यूपीएससी के माध्यम से चयनित हुए। कौशल किशोर बीते दो माह से प्रभारी प्राचार्य के रूप में एकलव्य आदर्श प्लस टू विद्यालय हटगम्हरिया पश्चिमी सिंहभूम में कार्यारत हैं। यहां बताते चले कि इससे पहले भी पिछले वर्ष चतरा के अभिनव प्रकाश व स्वाति संदीप यूपीएससी की परीक्षा पास कर आइएस बनें हैं।