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Wednesday, June 25, 2025
Hajaribag Newa

हजारीबाग के रवि शंकर पांडे का ऐतिहासिक विरोध, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज परिसर में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी

हजारीबाग : हजारीबाग में चिकित्सा सेवाओं की बदहाली और ‘संजीवनी सेवा कुटीर’ की पुनर्स्थापना को लेकर एक युवा समाजसेवी ने इतिहास रच दिया है। मंडई कला निवासी रवि शंकर पांडे, जो पेशे से पुरोहित और विचारधारा से जनसेवक हैं, बीते 100 घंटे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के परिसर में, हनुमान मंदिर के समीप शांतिपूर्ण सत्याग्रह शुरू किया है।

उनकी मांगें सिर्फ एक सेवा केंद्र की बहाली तक सीमित नहीं हैं — वे हजारीबाग की स्वास्थ्य प्रणाली में समग्र सुधार की मांग कर रहे हैं। यह पहला अवसर है जब किसी आम नागरिक ने हजारीबाग में चिकित्सा प्रणाली की कमियों को लेकर इतनी दृढ़ता से भूख हड़ताल की राह पकड़ी हो।

यह हैं रवि शंकर पांडे की 9 प्रमुख मांगें :

1. संजीवनी सेवा कुटीर की तत्काल पुनर्स्थापना — एक ऐसी व्यवस्था जो रोज़ हजारों मरीजों को राहत पहुंचा रही थी।

2. अस्पताल प्रबंधन की जवाबदेही सुनिश्चित हो — हर दिन रांची रेफर की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगे।

3. बर्न वार्ड की स्थापना हो — गंभीर जलने के मामलों के लिए अस्पताल में पृथक सुविधा की मांग।

4. थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्त की स्थायी व्यवस्था — ब्लड बैंक की क्षमता बढ़ाने की दरकार।

5. डॉक्टरों और स्टाफ का पारदर्शी रोस्टर प्रदर्शन — विशेषकर रात्रि सेवा में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए।

6. चिकित्सकों और स्टाफ की सुरक्षा का भरोसा — खासकर रात में ड्यूटी कर रहे कर्मियों के लिए।

7. हैदराबाद के ईएसआईसी की तर्ज पर ‘जीरो रेफर’ अस्पताल बनाने की मांग।

8. बेड की संख्या में तत्काल वृद्धि — क्योंकि अस्पताल पर पूरे क्षेत्र का दबाव है।

9. यदि संजीवनी सेवा कुटीर वापस नहीं होती, तो उसका उपयुक्त विकल्प शीघ्र स्थापित किया जाए।

रवि शंकर पांडे का यह सत्याग्रह केवल व्यक्तिगत आक्रोश नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की ओर से व्यवस्था को जगाने का प्रयास है। वे पूछ रहे हैं — क्या हजारीबाग का आम मरीज इलाज का हक़दार नहीं है?

अब यह देखना बाकी है कि जिला प्रशासन और झारखंड सरकार उनकी इन न्यायोचित मांगों को सुनते हैं या नहीं। लेकिन एक बात स्पष्ट है — हजारीबाग की ज़मीन पर अब चिकित्सा अधिकार की लड़ाई ने एक नए रूप में दस्तक दी है।

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