

हजारीबाग/छड़वा: मोहर्रम की नवमी को छड़वा मोहर्रम मैदान में एक ऐतिहासिक मेला देखने को मिला। इस दिन तेरह गांवों के जुलूसों ने यहां पहुंचकर एकता, आस्था और शौर्य की अनोखी झलक पेश की। खुटरा, बालियन, हेडलाग, गढ़ोखर हुसैनी मोहल्ला, गढ़ोखर पगार मोहल्ला, रोमी, पबरा, सुल्मी, हरना, लुपुंग, पिचरी और सारुगढ़ु गांवों के अखाड़ों ने छड़वा मैदान में भाग लिया। इन जुलूसों में 70 से 90 फीट ऊंचे गगनचुंबी इस्लामी परचम शामिल थे, जो देखने वालों को कर्बला की याद दिला रहे थे। इस मौके पर “या हसन – या हुसैन” के नारों से पूरा मैदान गूंज उठा। युवाओं ने परंपरागत हथियारों के साथ शौर्य के करतब दिखाए, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस वर्ष नवमी के दिन छड़वा मैदान में अब तक की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ी, जिससे दसवीं मोहर्रम की भीड़ जैसा प्रतीत हो रहा था। यह मेला इमाम हुसैन की कुर्बानी की याद में आयोजित किया गया। जैसे कर्बला की भूमि पर इमाम हुसैन और उनके साथियों ने तीन दिन तक भूखे-प्यासे रहकर अत्याचार का डटकर सामना किया, वैसी ही भावना यहां के हर हुसैनी में दिखाई दी।कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष मुख्तार अंसारी, सचिव नौशाद खान, कोषाध्यक्ष इत्तेफ़ाक आलम, मीडिया प्रभारी साजिद अली खान, महबूब आलम, कमाल इराकी, अकमल अंसारी, अनवारूल हक, जमशेद खान, फिरोज खान, मो लतीफ, मो इम्तियाज, मो इकराम अंसारी, अफताब आलम, बबलू अंसारी, इसराइल खान, औबेदुल्ला मलिक, मो अकबर, डिस्को खान, मिसबाहुल इस्लाम, मो हैदर, मो मिन्हाज, जहांगीर अली आदि सैकड़ों गणमान्य लोगों की भूमिका अहम रही। प्रशासनिक स्तर पर भी चाक-चौबंद व्यवस्था दिखी, जिसमें सदर सीओ मयंक भूषण, सदर एसडीपीओ अमित आनंद, कटकमसांडी अंचल अधिकारी अनिल कुमार, बीडीओ पूजा कुमारी, पेलावल थाना प्रभारी वेद प्रकाश पांडे, लोहसिंघना थाना प्रभारी पुन्नू कुमार यादव, एम ओ शौकत अली, स्वास्थ्य विभाग के भी लोग उपस्थित रहे। छड़वा मोहर्रम मेला अब न सिर्फ हजारीबाग, बल्कि पूरे झारखंड के लिए आस्था, एकता और संस्कृति की मिसाल बन चुका है।