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Tuesday, June 17, 2025
Chatra News

सरकार चतरा जिले को मान चुकी है उग्रवाद मुक्त जिला, बटालियन पिंजौर हरियाणा के लिए कर चुकी है कूच

चतरा जिले में उग्रवाद की आग ठंडा करने तथा उग्रवाद पर लगाम लगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सीआरपीएफ 190 बटालियन चतरा से पिंजौर हरियाणा के लिए कूच कर चुकी है। बटालियन के 90 प्रतिशत अधिकारी और जवान पिंजौर के लिए रवाना हो गए हैं। शेष अधिकारी और जवान एक दो दिनों में कैंप मुख्यालय को जिला पुलिस के अधिकारियों को हैंड ओवर कर पिंजौर के लिए रवाना हो जाएंगे। चतरा से रवानगी के पूर्व बटालियन के कमांडेंट मनोज कुमार, सहायक कमांडेंट यासिर अब्बासी सहित अन्य अधिकारी मीडिया से रुबरु हुए। अधिकारियों ने चतरा के लोगों को मीडिया के माध्यम से धन्यवाद कहा। कमांडेंट मनोज कुमार ने कहा कि चतरा जिले के लोग काफी अच्छे हैं। आम लोगों के सहयोग से ही सीआरपीएफ ने यहां उग्रवाद के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ी। इसमें स्थानीय पुलिस, आम नागरिक और मीडिया का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि चतरा इसी तरह प्रगति की राह पर अग्रसर रहे और नक्सल मुक्त रहे। यहां बताते चले कि नक्सली उन्मूलन अभियान में लगा सीआरपीएफ 190 बटालियन वीआईपी बटालियन के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। अब यह बटालियन वीआईपी सुरक्षा में अपनी सेवा देगा।

उपलब्धियों से भरा है चतरा में सीआरपीएफ का सफर, 16 ने दी है शहादत

चतरा जिले में सीआरपीएफ 190 बटालियन का सफर उपलब्धियों से भरा रहा है। सीआरपीएफ ने 17 वर्षों में 8000 से अधिक नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाया है। इसमें एक लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए तक का 22 ईनामी नक्सली मारे गए हैं। 239 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सलियों का 254 हथियार और 10922 कारतूस बरामद किया गया है। नक्सलियों का लगभग एक करोड़ रुपए पकड़े गए हैं। अभियान के दौरान 179 आईडी बम बरामद किया गया है। इसमें 2171 किलो बारुद भी बरामद किया गया है। इन 17 वर्षों में जिले को नक्सल मुक्त कराने में सीआरपीएफ के 16 जवानों ने अपनी शहादत भी दिया है।

झारखंड सरकार चतरा जिले को मान चुकी है उग्रवाद मुक्त जिला

चतरा जिले से सीआरपीएफ 190 बटालियन को हटाने का यह निर्णय सरकार के स्वीकृति के बाद लिया गया है। झारखंड सरकार चतरा जिला को उग्रवाद मुक्त जिला की सूची में शामिल कर लिया है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने चतरा से सीआरपीएफ बटालियन को हटाने का निर्णय लिया है।

जब उग्रवाद की आग से धधक रहा था चतरा 2008 में सीआरपीएफ ने संभाला था मोर्चा

कभी उग्रवादियों के लिए जाफना कहे जाने वाला चतरा जिला झारखंड में उग्रवादियों के लिए सबसे सुरक्षित ठीकाना माना जाता था। चारों ओर जंगलों और पहाड़ों से घीरे चतरा जिले में उग्रवादियों की हुकूमत चलती थी। तब गृह मंत्रालय ने चतरा जिले से उग्रवादियों के सफाए के लिए सीआरपीएफ को चतरा में स्थाई रूप से स्थापित किया। वर्ष 2008 में चतरा जिले में सीआरपीएफ कैंप स्थापित किया गया था। जो 17 वर्षों तक चतरा जिले में उग्रवादियों के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने का काम किया।

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