

Chatra : कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अंतर्गत सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज जिला सहकारी संघ चतरा की ओर से बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों (MPCS) के सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आज जिला परिषद सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सहकारी समितियाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और किसानों व वनोपज संग्राहकों को संगठित कर उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने का माध्यम हैं। जब किसान सामूहिक रूप से कार्य करेंगे तो उनकी सौदेबाजी क्षमता बढ़ेगी और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को पारंपरिक ढांचे से आगे बढ़ते हुए तकनीक और नवाचारों को अपनाना होगा। उत्पादों का संग्रहण, परिष्करण और विपणन सुनिश्चित कर समितियाँ किसानों और संग्राहकों की आमदनी में वृद्धि कर सकती हैं। जिला प्रशासन इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उपायुक्त ने बताया कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा MPCS को सशक्त बनाने हेतु कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। कम्प्यूटरीकरण ऑफ पैक्स योजना के तहत समितियों को कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे कार्य त्वरित और पारदर्शी हो सकें। MPCS को बीज एवं उर्वरक का लाइसेंस दिया जा रहा है तथा उन्हें प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि किसानों को एक ही जगह पर सभी आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध हो सकें। साथ ही, समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हो। इसके अलावा MPCS द्वारा धान अधिप्राप्ति का कार्य भी किया जा रहा है। सहकारी समितियों की भंडारण क्षमता और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए 100 एमटी, 500 एमटी तथा 2500 एमटी क्षमता वाले गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है। कार्यशाला में उप विकास आयुक्त, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निबंधक, DDM नाबार्ड, सिद्धकोफेड रांची के प्रोजेक्ट मैनेजर, CSC मैनेजर, SI एवं IFFCO के प्रतिनिधि समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।