हंटरगंज प्रखंड में उपायुक्त ने किया योजनाओं का व्यापक निरीक्षण, पारदर्शिता और गति पर विशेष बल


चतरा जिला प्रशासन की विकास योजनाओं को जमीनी स्तर पर साकार रूप देने और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के उद्देश्य से उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी ने आज हंटरगंज प्रखंड क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ वन प्रमंडल पदाधिकारी उत्तरी राहुल मीणा, उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और प्रखंड प्रशासन की टीम मौजूद रही। उपायुक्त ने प्रखंड के अलग-अलग पंचायतों में चल रही योजनाओं का क्रमवार निरीक्षण किया और संबंधित पदाधिकारियों को सख्त व स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए कि योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव और देरी के लाभुकों तक पहुंचे।
दौरे की शुरुआत करैली बार पंचायत से हुई, जहां उपायुक्त ने की झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी के दीदियों द्वारा आईएफसी (इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग क्लस्टर)योजना के तहत 35 एकड़ भूमि में की जा रही टमाटर की खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने खेतों में जाकर पौधों की स्थिति को बारीकी से देखा और खेती कर रही महिलाओं से बातचीत की। दीदियों ने बताया कि समूह आधारित खेती से उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। उपायुक्त ने इस पहल की सराहना करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि खेती में सिंचाई की सुविधा सुदृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना और टपक सिंचाई प्रणाली को जोड़ा जाए। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों को भी फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नियमित तकनीकी मार्गदर्शन देने को कहा, ताकि इस पहल को बड़े पैमाने पर विकसित किया जा सके। इसके बाद उपायुक्त चकला पंचायत स्थित तुलसीपुर डैम पहुंचीं। यहां उन्होंने जलाशय की स्थिति, जल प्रबंधन और सिंचाई नेटवर्क का गहन निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
दौरे के अगले चरण में उपायुक्त हंटरगंज प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। वहां उन्होंने चिकित्सकों की उपस्थिति, मरीजों को दी जा रही सेवाओं, दवाओं की उपलब्धता, साफ-सफाई और प्रसव कक्षों की व्यवस्था की बारीकी से जांच की। उपायुक्त ने वहां मौजूद मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत कर यह भी जाना कि उन्हें किस स्तर की सुविधाएं मिल रही हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को स्पष्ट रूप से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जनसुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहनी चाहिए।
इसके बाद करमा पंचायत स्थित कस्तूरबा बालिका विद्यालय में उपायुक्त ने विद्यालय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ली और छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर विशेष बल दिया। इसी दौरान विद्यालय प्रांगण में एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण कर उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
दौरे के क्रम में उपायुक्त हटवारिया स्थित आरोग्य वन पार्क भी पहुंचीं। यहां वन विभाग द्वारा विकसित औषधीय पौधों और हरित क्षेत्र की सराहना करते हुए उन्होंने इसे ग्रामीण स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता के लिए एक सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे पार्क न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होंगे, बल्कि ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य के प्रति चेतना जगाने का कार्य भी करेंगे।
इसके उपरांत उपायुक्त ने करमा पंचायत में मनरेगा के तहत तैयार किए गए आम बागवानी परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं ग्रामीण परिवारों को स्थायी आय प्रदान करने में सक्षम हैं। बागवानी परियोजनाओं को सफलता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए रखरखाव, बाजार तक पहुंच और तकनीकी सहयोग को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रामीणों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
अंत में उपायुक्त ने रामनारायण डिग्री कॉलेज में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद से निर्मित नए भवन का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी ने कहा कि जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता योजनाओं को धरातल पर ईमानदारी से लागू कर वास्तविक लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य केवल योजनाएं शुरू करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि इन योजनाओं से लोगों के जीवन में ठोस बदलाव आए। हर अधिकारी और कर्मचारी की जवाबदेही तय है, और कार्यों में पारदर्शिता तथा गति किसी भी कीमत पर कम नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट संदेश दिया कि विकास कार्यों में न तो लापरवाही बर्दाश्त की जाएगी और न ही देरी। उन्होंने अधिकारियों से ग्रामीणों से लगातार संवाद बनाए रखने, फील्ड विजिट को प्राथमिकता देने और योजनाओं के प्रभाव को ज़मीनी स्तर पर सुनिश्चित करने की अपील की।