रामगढ़ में आफताब अंसारी की संदिग्ध मौत पर मोमिन कॉन्फ्रेंस का आक्रोश, न्यायिक जांच की मांग तेज


हजारीबाग | रामगढ़ जिले में आफताब अंसारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने राज्य भर में हलचल मचा दी है। ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के हजारीबाग जिला अध्यक्ष मो. जहांगीर अंसारी ने इस घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह मामला पुलिस की कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े करता है।
जहांगीर अंसारी ने बताया कि आफताब अंसारी को एक अतिवादी संगठन द्वारा मारपीट कर पुलिस को सौंपा गया था, लेकिन इसके बावजूद वह पुलिस हाजत से कैसे गायब हो गया और फिर उसकी लाश नदी किनारे कैसे पाई गई, यह गंभीर जांच का विषय है। उन्होंने झारखंड सरकार से इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
इस घटना की राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता फिरोज अहमद ने घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है और इसकी उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। उन्होंने राज्य सरकार से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की अपील की।
वहीं, संगठन के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अनवर हुसैन ने इस घटना को स्पष्ट रूप से “मोब लिंचिंग” करार देते हुए कहा कि झारखंड सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की है। साथ ही, झारखंड में मोब लिंचिंग के विरुद्ध कड़े कानून बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. अनवर हुसैन ने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार, जो अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों के समर्थन से सत्ता में आई है, उसकी नीतियों पर कुछ प्रशासनिक तंत्र और बाहरी ताकतें धब्बा लगाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने विपक्ष से भी अपील की कि वह इस मामले को धर्म, जाति और राजनीति से ऊपर उठकर देखें और इंसानियत की रक्षा के लिए एकजुट हो।
घटना को लेकर स्थानीय जनमानस में आक्रोश व्याप्त है, और लोग सरकार से शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि झारखंड सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।