चतरा सदर अस्पताल सर्जन विहीन, मरीजों की बढ़ी मुसीबतऑपरेशन के लिए अब निजी अस्पताल या बाहर जाना मजबूरी


चतरा सदर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे हो गई है। जिले का यह सबसे बड़ा अस्पताल अब सर्जन विहीन हो गया है। दरअसल, अस्पताल के एकमात्र सर्जन डॉक्टर मनीष लाल का हाल ही में स्थानांतरण हो गया है। यही नहीं, ऑपरेशन के दौरान सबसे अहम भूमिका निभाने वाले एनेस्थीसिया विभाग की हालत भी दयनीय है। यहां पदस्थापित तीन एनेस्थेटिक में से दो डॉक्टर कार्तिक उरांव और डॉक्टर प्रवीण कुमार—का तबादला हजारीबाग कर दिया गया है। अब पूरा विभाग और मरीजों की जिम्मेदारी डॉक्टर पंकज कुमार के कंधों पर आ गई है, जो पहले से ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक होने के साथ-साथ सीएचसी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। डॉक्टर मनीष लाल के रहते सामान्य ऑपरेशन से लेकर कई अहम सर्जरी तक की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध थी। अब हालात ऐसे हैं कि मरीजों को छोटे से छोटे ऑपरेशन के लिए भी निजी नर्सिंग होम या शहर से बाहर जाना पड़ेगा। इससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। बतादें की 31 जुलाई की ट्रांसफर लिस्ट ने बिगाड़ी व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग की 31 जुलाई को जारी स्थानांतरण सूची में चतरा के 7 चिकित्सकों के नाम शामिल हैं। इनमें
सर्जन डॉक्टर मनीष लाल,शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजहरुल शाही,
एनेस्थेटिक डॉक्टर कार्तिक उरांव व डॉक्टर प्रवीण कुमार, डॉक्टर सैयद हिदायतुल्लाह,सिमरिया के डॉक्टर अशोक कुमार और डॉक्टर अंगराज का नाम शामिल है। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग ने चतरा से सात डॉक्टरों को हटा दिया, जबकि बदले में मात्र एक डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है। ऐसे हालात में चतरा सदर अस्पताल की स्थिति फिर से अनुमंडल स्तरीय अस्पताल जैसी हो गई है। अब देखना यह है कि सरकार यहां समय पर नए चिकित्सक भेजती है या फिर सीएस और डीएस को मरीजों की परेशानी के साथ अकेले ही जूझना होगा।