फसल बीमा में चतरा ने रचा नया इतिहास, राज्य में दूसरा स्थान,किसानों की जागरूकता और प्रशासनिक प्रयास से 40,656 के लक्ष्य पर 65,715 किसानों का पंजीकरण, 127.48% उपलब्धि


Chatra : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2025 के अंतर्गत चतरा जिले ने ऐतिहासिक सफलता अर्जित की है। जिले का लक्ष्य 40,656 किसानों के पंजीकरण का था, लेकिन किसानों की सक्रिय भागीदारी और प्रशासनिक टीमों की निरंतर पहल से यह संख्या बढ़कर 65,715 तक पहुँच गई। लक्ष्य से 25,059 अधिक किसानों का नामांकन होना यह दर्शाता है कि अब किसान न केवल जोखिम प्रबंधन को लेकर सजग हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मजबूत कदम उठा रहे हैं। इस अद्वितीय उपलब्धि ने चतरा जिले को पूरे राज्य में विशेष पहचान दिलाई है। साहिबगंज के बाद चतरा लगभग 127.48 प्रतिशत कवरेज के साथ झारखंड में दूसरे स्थान पर रहा। यह सफलता न केवल जिले के लिए गौरव का विषय है बल्कि प्रशासनिक प्रतिबद्धता और किसानों की जागरूकता का प्रत्यक्ष प्रमाण भी है।
किसानों की मेहनत और प्रशासन की पहल का परिणाम
इस सफलता के पीछे किसानों की जागरूकता और प्रशासन की अथक कोशिशें रही हैं। जिला प्रशासन की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाए गए, शिविर, पंचायत स्तर तक बैठकों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों को योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। परिणामस्वरूप किसानों ने इसे अपनी सुरक्षा के कवच के रूप में स्वीकार किया और बड़े पैमाने पर जुड़ाव दर्ज कराया।
प्रखंडवार उपलब्धि
चतरा जिले के सभी प्रखंडों ने इस उपलब्धि में योगदान दिया। गिद्धौर प्रखंड ने 1,584 के लक्ष्य के विरुद्ध 3,590 किसानों का नामांकन कर 226.64 प्रतिशत की सर्वोच्च उपलब्धि अर्जित की। सिमरिया ने 4,488 के लक्ष्य के विरुद्ध 10,045 किसानों का नामांकन कर 223.77 प्रतिशत तथा इटखोरी ने 3,168 के लक्ष्य के विरुद्ध 6,436 किसानों का पंजीकरण कर 203.15 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की। कुन्दा ने 193.56 प्रतिशत, चतरा ने 184.89 प्रतिशत, लावालौंग ने 175.99 प्रतिशत और पत्थलगड़ा ने 171.13 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की। मयूरहंड और कान्हाचट्टी ने क्रमशः 163.75 और 157.99 प्रतिशत किसानों का नामांकन किया। वहीं, प्रातापुर ने 142.80 प्रतिशत, हंटरगंज ने 116.15 प्रतिशत और टंडवा प्रखंड ने 108.39 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की। स्पष्ट है कि गिद्धौर, सिमरिया और इटखोरी जैसे प्रखंडों ने 200 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य प्राप्त कर जिले की सफलता को राज्य स्तर पर नई ऊँचाई दी है।
उपायुक्त ने कहा
उपायुक्त श्रीमती कीर्तिश्री जी ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा चतरा के किसानों ने जिस सक्रियता और विश्वास के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भागीदारी की है, वह वाकई सराहनीय है। हमारा उद्देश्य है कि आने वाले समय में जिले का हर पात्र किसान इस योजना से लाभान्वित हो। प्रशासन की ओर से किसानों को जागरूक करने और अधिक से अधिक किसानों को योजना से जोड़ने का अभियान लगातार जारी रहेगा।
कृषि पदाधिकारी का वक्तव्य
जिला कृषि पदाधिकारी गौतम कुमार ने कहा यह सफलता किसानों की बढ़ती जागरूकता और प्रशासनिक सहयोग का परिणाम है। जिले के किसान अब फसल बीमा योजना को एक सुरक्षा कवच मानकर इससे जुड़ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिरता को मजबूत करेगा बल्कि कृषि क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।
सहकारिता विभाग की भूमिका पर विचार
सहकारिता पदाधिकारी लोकनाथ महतो ने कहा कि फसल बीमा योजना की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि जब किसान और प्रशासन एक साथ प्रयास करते हैं तो हर लक्ष्य को पार किया जा सकता है। सहकारिता विभाग की ओर से भी किसानों को योजना से जोड़ने और उन्हें समूह के रूप में संगठित कर लाभ दिलाने की पहल लगातार जारी है। आने वाले समय में हम और अधिक किसानों को इस सुरक्षा कवच से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
योजना का महत्व
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदा, सूखा, बाढ़ और ओलावृष्टि जैसी विपरीत परिस्थितियों से सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना किसानों को भविष्य की अनिश्चितताओं से बचाने का भरोसा देती है। बड़ी संख्या में किसानों का इससे जुड़ना इस बात का प्रमाण है कि अब किसान अपने भविष्य के प्रति अधिक सजग और जोखिम प्रबंधन के प्रति गंभीर हो रहे हैं।
चतरा की कामयाबी – पूरे राज्य के लिए प्रेरणा
चतरा जिले की यह उपलब्धि आने वाले समय में कृषि क्षेत्र के लिए नई दिशा तय करेगी। यह साबित करती है कि यदि किसान और प्रशासन मिलकर काम करें तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं है। चतरा का यह प्रदर्शन न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायी है और यह संदेश देता है कि संगठित प्रयासों से बड़े बदलाव संभव हैं।