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Thursday, October 16, 2025
Hazaribagh News

हर घर नल-जल योजना बनी धन-जल योजना,अधूरे काम, बढ़ता बजट और अव्यवस्था से हजारीबाग की सड़कें बनीं जख्मों का शहर – मनोज गुप्ता

हजारीबाग | झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (जुडको) द्वारा संचालित “हर घर नल-जल योजना” शहरवासियों के लिए राहत के बजाय परेशानी का सबब बन गई है। दस वर्ष पूर्व ₹400 करोड़ की लागत से शुरू हुई यह महत्वाकांक्षी योजना अब ₹500-600 करोड़ के बजट को पार कर चुकी है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज गुप्ता का कहना है कि “मेरी आवाज़ सुनें, व्यवस्था बदलें,” क्योंकि इस परियोजना की धीमी प्रगति और अव्यवस्था ने हजारीबाग की सड़कों और जल आपूर्ति व्यवस्था दोनों को बदहाल कर दिया है।

सड़कों की हालत खस्ता, फेबर ब्लॉक उखाड़े जा रहे

योजना के तहत रोज अलग-अलग वार्डों में अधूरा काम किया जा रहा है। कहीं सड़कों की खुदाई के बाद मरम्मत नहीं हो रही, तो कहीं नगर निगम द्वारा लगाए गए फेबर ब्लॉक भी उखाड़े जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि काम अधूरा छोड़कर रातों-रात सामग्री गायब कर दी जाती है।

पाइपलाइन और मीटर घोटाला

मनोज गुप्ता ने खुलासा किया कि पांच साल पहले गुजरात के ठेकेदारों ने हर घर में पाइपलाइन और मीटर लगाकर भारी मुनाफा कमाया। “कई घरों में चार-चार मीटर लगाए गए और जहां घर ही नहीं थे, वहां भी पाइपलाइन बिछा दी गई,” गुप्ता ने कहा।

कोनार डैम से पानी की अनिश्चितता

इस योजना के तहत पानी की आपूर्ति 65 किलोमीटर दूर स्थित कोनार डैम से होनी है। लेकिन इसमें कई कानूनी और तकनीकी पेच हैं, क्योंकि डैम दूसरे जिले में स्थित है। योजना पूरी होगी या नहीं, यह अभी भी अनिश्चित है।

स्थानीय जलस्रोत उपेक्षित, भू-माफिया हावी

वर्तमान में हजारीबाग की पानी आपूर्ति छड़वा डैम से होती है, लेकिन इसके रखरखाव की कोई ठोस योजना नहीं बनी। भूमि अधिग्रहण क्षेत्र पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है। गोंदा डैम और करकरी डैम समेत कई जलस्रोतों पर भी कब्जे की घटनाएं बढ़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन डैम्स का गहरीकरण कर संरक्षित किया जाता, तो हजारीबाग शहर को अतिरिक्त पानी की आपूर्ति संभव थी।

जनता की बढ़ती नाराजगी

मनोज गुप्ता ने कहा, “यह योजना जनता के लिए नहीं, ठेकेदारों के फायदे के लिए चलाई जा रही है। नगर निगम और पेयजल विभाग को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा, इसलिए लापरवाही चरम पर है।

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