हजारीबाग के छड़वा मैदान में ऐतिहासिक मोहर्रम मेला: गगनचुंबी इस्लामी परचम ने खींचा जनसैलाब मोहर्रम की आठवीं पर टूटा भीड़ का दस साल का रिकॉर्ड, या हसन-या हुसैन के नारों से गूंज उठा मैदान


हजारीबाग/छड़वा: मोहर्रम की आठवीं तिथि को हजारीबाग के छड़वा मोहर्रम मैदान में आयोजित तीन दिवसीय ऐतिहासिक मेला श्रद्धा, शौर्य और एकता का प्रतीक बन गया। इस वर्ष मेले में उमड़ी भीड़ ने पिछले दस वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जब खुटरा, बालियन, हेडलाग, गढ़ोखर, रोमी, पबरा, सुल्मी सहित दर्जनों गांवों से आए 9 अखाड़ों ने अपने परचम और करतब से माहौल को अद्वितीय बना दिया। 70 से 90 फीट ऊँचे इस्लामी परचम (निशान) जब छड़वा मैदान की फिजा में लहराए, तो या हसन-या हुसैन के नारों से वातावरण गूंज उठा। युवाओं ने पारंपरिक हथियारों और हैरतअंगेज़ करतबों से दर्शकों का दिल जीत लिया। मैदान में इमाम हुसैन की याद में श्रद्धा के साथ की गई यह प्रस्तुति कर्बला की उस जंग की झलक देती है, जब तीन दिन तक भूखे-प्यासे रहकर सत्य के लिए संघर्ष किया गया था। मेले के आयोजन में अध्यक्ष मुख्तार अंसारी, सचिव नौशाद खान, कोषाध्यक्ष इत्तेफाक आलम और मीडिया प्रभारी साजिद अली खान सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में प्रशासनिक सतर्कता और सहयोग भी सराहनीय रहा। मौके पर कटकमसांडी अंचलाधिकारी अनिल कुमार, बीडीओ पूजा कुमारी, पेलावल थाना प्रभारी वेद प्रकाश पांडे, एमओ शौकत अली और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी तैनात रही। तीन दिवसीय मेला महज धार्मिक आयोजन न होकर एक सामाजिक समरसता और परंपरा की मिसाल बना, जो हज़ारीबाग की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती प्रदान करता है।