Recent Posts

newscraftrashtriya@gmail.com
Thursday, July 3, 2025
Hazaribagh News

अष्टाह्निका महापर्व का शुभारंभ: जैन समाज में उमड़ा भक्ति, संयम और सेवा का सागर

हजारीबाग : जैन समाज का पवित्र पर्व अष्टाह्निका महापर्व आज श्रद्धा और भक्ति के साथ आरंभ हो गया। आषाढ़ शुक्ल अष्टमी से शुरू होकर यह पर्व आठ दिनों तक चलेगा और 10 जुलाई, गुरु पूर्णिमा के दिन धार्मिक समापन समारोह के साथ समाप्त होगा। यह पर्व आत्मशुद्धि, संयम और सेवा की साधना का प्रतीक माना जाता है।

सुबह से ही जैन मंदिरों में विशेष धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गईं, जिनमें तीर्थंकरों की प्रतिमाओं का अभिषेक, शांतिधारा, और भक्ति गीतों की प्रस्तुति प्रमुख रही। णमोकार मंत्र के जाप और जैन धर्मग्रंथों के पाठ से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।

आध्यात्मिकता और परंपरा का संगम

मीडिया प्रभारी विजय जैन लुहाड़िया ने बताया कि अष्टाह्निका की परंपरा जैन धर्म में अत्यंत प्राचीन और पवित्र मानी जाती है। तीर्थंकरों की शिक्षाओं पर आधारित यह पर्व सिद्धियों की प्राप्ति और आत्मिक उन्नति का मार्ग बताता है।

उपवास और दान से संवर रही साधना

इस पर्व के दौरान अनेक श्रद्धालु निर्जल उपवास, एकासन, और स्वाध्याय में लीन रहते हैं। दान-पुण्य को भी विशेष महत्व दिया जाता है – जिसमें मंदिरों को दान, भिक्षुओं को भोजन, और जरूरतमंदों को सेवा प्रदान की जाती है।

मौन और प्रवचनों से आत्मचिंतन

कई श्रद्धालु इन दिनों मौन व्रत का पालन करते हैं और आत्मचिंतन में समय बिताते हैं। मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक नाटक, और भिक्षुओं के प्रवचन से धर्म की सीख को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।

गुरु पूर्णिमा पर समापन

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन महापर्व का समापन होगा। इस दिन विशेष पूजन, भजन संध्या, और सामूहिक भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नगर के सभी श्रद्धालुओं की सहभागिता अपेक्षित है।

यह पर्व जैन धर्म की सदियों पुरानी परंपरा, संयमित जीवनशैली, और धर्म के प्रति गहन निष्ठा का प्रतीक है, जो समाज को आत्मिक उन्नति और सेवा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

Leave a Response