Recent Posts

newscraftrashtriya@gmail.com
Monday, October 20, 2025
Hazaribagh News

कोल इंडिया की मुआवजा नीति में ऐतिहासिक बदलाव अब नौकरी के बदले 2 एकड़ जमीन पर मिलेगा 89 लाख से 1.20 करोड़ तक का मुआवजा

हजारीबाग : कोल इंडिया लिमिटेड ने भूमि अधिग्रहण की मुआवजा नीति में ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए रैयतों के लिए अधिक लाभकारी योजना लागू की है। 30 जून 2025 को कोल इंडिया बोर्ड की 350वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इस बदलाव की जानकारी सीपीएम जिला सचिव और सीटू नेता गणेश कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि अब यदि कोई रैयत 2 एकड़ भूमि के बदले नौकरी नहीं लेना चाहता, तो उसे न्यूनतम ₹89 लाख और अधिकतम ₹1.20 करोड़ तक की एकमुश्त राशि दी जाएगी।

पुरानी बनाम नई नीति में बड़ा अंतर

पुरानी नीति के तहत नौकरी नहीं लेने पर रैयत को मात्र ₹5 लाख प्रति एकड़ मुआवजा या 30 वर्षों तक ₹30,000 मासिक पेंशन मिलती थी, जिसमें हर साल 1% की बढ़ोतरी का प्रावधान था। अब इस योजना को और अधिक लाभकारी बनाते हुए निर्णय लिया गया है कि : रैयत को ₹5 लाख प्रति एकड़ के साथ-साथ 45 वर्षों तक ₹44,000 मासिक पेंशन मिलेगा। पेंशन में भी हर वर्ष 1% की वार्षिक वृद्धि होगी। यदि रैयत की मृत्यु हो जाती है, तो पेंशन की राशि आश्रितों को मिलती रहेगी।

शिक्षित युवाओं के हित में लिया गया निर्णय

कोल इंडिया प्रबंधन ने यह भी माना कि आजकल जो युवा जमीन के बदले नौकरी में आ रहे हैं, वे अपेक्षाकृत अधिक शिक्षित होते हैं। लेकिन उन्हें जनरल असिस्टेंट ग्रेड-1 जैसे पदों पर रखा जाता है, जिनमें भूमिगत खदानों में कठिन कार्य करना पड़ता है – जैसे ट्रॉली ढकेलना, जो उनकी योग्यता से मेल नहीं खाता। इससे कई युवा नौकरी छोड़ भी देते हैं।

अब नई योजना के तहत वे नौकरी की जगह एकमुश्त राशि लेकर व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, साथ ही पेंशन से उनकी आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी, और वे अपनी योग्यता के अनुसार बेहतर करियर की तलाश कर सकेंगे।

रैयतों के लिए लाभदायक साबित होगी नई योजना

सीटू नेता गणेश कुमार ने कोल इंडिया के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह बदलाव जमीन देने वाले रैयतों के लिए आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करेगा और यह निर्णय समाज और कोयला उद्योग के बीच बेहतर संतुलन स्थापित करेगा।

Leave a Response