

Chatra : सिविल सर्जन व अन्य
विश्व मलेरिया दिवस को लेकर गुरुवार को सदर अस्पताल के सभागार में सिविल सर्जन डॉ दिनेश प्रसाद ने मीडिया को संबोधित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य समुदायों को मलेरिया की रोकथाम और देखभाल के लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि आम लोगों के बीच जागरूकता तथा जिले वासियों के सहयोग से ही जिले को मलेरिया मुक्त जिला बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मलेरिया दुनिया की सबसे पुरानी और घातक बीमारियों में से एक है। यह भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही मलेरिया से बचाव है। लोगों को अपने घरों व घर के आसपास किसी भी हाल में जल जमाव नहीं होने देना चाहिए। जल जमाव से मलेरिया होने की संभावना बनी रहती है। लोगों को सोने के समय मच्छरदानी का आवश्यक रूप से प्रयोग करना चाहिए। इन सब उपायों को अपना कर मलेरिया से बचा जा सकता है। जिला विभीडी कन्सलटेंट अभिमन्यु कुमार ने जिले में मलेरिया के वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जिले में मलेरिया में व्यापक सुधार हो रहा है। पिछले पांच वर्षों के आंकड़े देखा जाए तो वर्ष 2020 में कुल मलेरिया मरीजों की संख्या 173, पीएफ मलेरिया मात्र दो, 2021 में मलेरिया रोगियों की संख्या 183, पीएफ मरीज सात, 2022 में मरीजों की संख्या 167, पीएफ मरीज शून्य, 2023 में मलेरिया मरीजों की संख्या 117, पीएफ मरीज मात्र एक, 2024 में मलेरिया मरीजों की संख्या 108 तथा इस वर्ष अब तक मलेरिया मरीजों की संख्या मात्र छह चिन्हित हुए हैं। मौके पर डीआरसीएचओ डॉ एलआर पाठक, जिला महामारी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आशुतोष कुमार, मलेरिया सुपरवाइजर जीएम राजू, सहायक समरेश कुमार, राजेश सिंह, अरुण सिंह, रंजीत मिश्रा सहित अन्य कई चिकित्सक व कर्मी उपस्थित थे।