अति प्रभावित क्षेत्र के रिमी पंचायत में अवस्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय झिरनियां के शिक्षक विद्यालय से रहते हैं नदारत


लावालौंग /चतरा : लावालौंग प्रखण्ड के अति प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले रिमी के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय झिरनियां में इन दिनों विद्यालय से शिक्षक हीं गायब रहते है। जिससे बच्चे का भविष्य अंधेरे तथा अधर में लटक रहा है। शिक्षक विद्यालय तो आते हैं किंतु केवल हाजरी बना होते हैं रफ़्फ़ु चक्कर। आपको बता दें कि उक्त विद्यालय में दो पारा शिक्षक बालगोविंद यादव, जगदीश यादव पदस्थापित हैं, जहां विद्यालय में करीब 60 बच्चे का नामंकन मौजूद हैं। फिर भी शिक्षकों की मनमानी है ।अपनी मर्जी से आते हैं और हाजरी बना अपनी मर्जी से चले जाते है। जिसके कारण बच्चे तो विद्यालय आते हैं, लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चे बैरंग( पुन:) वापस घर चले जाते हैं। वहीं रसोइया भी गायब और मध्यान भोजन भी गायब केवल सरकारी रुपये का दोहन किया जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों होता है? सुदूरवर्ती क्षेत्र होने के कारण पदाधिकारी उक्त क्षेत्र में जाते नहीं है, ना उन पर कोई कार्रवाई करते है। जिसका नतीजा है कि इस तरह विद्यालय से शिक्षक गायब रहते है। बता दें कि बच्चों को पढ़ाने के लिए झारखण्ड सरकार को करोड़ो रूपये तनख्वाह से लेकर अन्य सामग्रियों में खर्च हो रही है ।फिर भी इतने खर्च होने बावजूद भी बच्चों को पढाई से दूर रखा जाना यह दुर्भाग्य है। आखिर इसका जिम्मेवार कौन। क्या ऐसे लोंगों पर कोई ठोस कानूनी कार्रवाई होगी। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों को बोलने पर उल्टे कई तरह के बात करते है। वैसे में बोलना उचित नहीं है। चुकी कोई ग्रामीणों की बात सुनने वाला नही है।
लावालौंग,मोहम्मद साजिद