चतरा/मयूरहंड:- गांव बाराडीह ढोढी मुख मोड़ में आने जाने के लिए पुल नहीं है। गांव के लोग दरिया पार कर हर काम के लिए जाते हैं। खतरे की वजह लोग झुंड में जाते हैं। इसके बावजूद पुल का निर्माण नहीं हो रहा है। मयूरहंड बाराडीह गांव में विकास की हकीकत
गांव से निकलने के लिए आज तक नहीं बना है एक पुल
नदी पार कर गांव से बाहर निकलते हैं लोग
खतरे से बचने के लिए झुंड में जाते हैं बाहर
सारी खबरें हाइलाइट्स में पढ़ने के मयूरहंड के में एक गांव मंझगावां पंचायत बाराडीह ऐसा है, जहां आजादी के बाद आज तक लोगों को पुल नहीं मिला है। पुल नहीं होने के कारण जान जोखिम में डालकर बारिश के समय नदी पार करनी पड़ती है । इन ग्रामीणों के सामने बारिश के मौसम में मजबूरी रहती है। उन्हें राशन लेने, ग्राम पंचायत के काम और अपने खेतों के काम के लिए कई बार तो उफनती नदी पार करनी पड़ती है। कम बारिश में ग्रामीण को घुटने-घुटने तक पानी में नदी पार कर रहे हैं। अधिकारी ग्रामीणों को समझाने की बात कर रहे हैं।
भैंसदेही इलाके की पंचायत मंझगवां के गांव बाराडीह ढोढी के किसानों की अधिकांश खेती गांव से बहने वाली पातरा नदी के उस पार है। इसके ग्राम पंचायत कार्यालय और राशन दुकान भी नदी बच्चों के स्कूल जाने में परेशान होता है के उस पार है। यहां जाने का एक मात्र रास्ता है नदी और ओर इसी नदी को पार कर पंचायत के काम के लिए ग्रामीण उस पार जाते हैं। सोसायटी से मिलने वाला राशन भी लेने के लिए ग्रामीणों को यह नदी पार कर ही जाना पड़ता है।
राजकुमार दांगी