लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र में लगे दिव्यांग शिविर में किया गया सिर्फ़ खानापूर्ति लोगों के साथ हुआ छलावा
लावालौंग प्रखण्ड में दिव्यांग व्यक्तियों की दिव्यांगता का प्रतिशत जांच कर उनका सर्टिफिकेट बनाने को लेकर लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित शिविर में मात्र खानापूर्ति की गई तथा दूर दराज से आए हुएलोगोंके साथ छलावा किया गया। ज्ञात हो कि चतरा उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी के निर्देश पर शुक्रवार को लावालौंग स्वास्थ्य केंद्र में वृहद दिव्यांगता जांच शिविर लगाया जाना था।जिसमें चार विशेषज्ञ डॉक्टरों,एक दंडाधिकारी,दो महिला पर्यवेक्षिका एवं एक कंप्यूटर ऑपरेटर की उपलब्धता शिविर में सुनिश्चित किया जाना था। परंतु यहां केवल दो ही डॉक्टर तथा एक ऑपरेटर उपस्थित रहे। जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं मनोचिकित्सक के लोग नदारद दिखे ।दुर्भाग्य की बात है कि यहां जांच के लिए कोई भी आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए जिसके कारण विशेषज्ञों को मोबाइल की रोशनी से आंख की जांच करते देखा गया। लाभुकों को फार्म भी एक फोटो कॉपी दुकान से खरीदना पड़ा। बड़ी बात तो यह रहा कि आंख से दिव्यांग व्यक्ति हड्डी का फॉर्म लेकर यहां-वहां भटकता नजर आया। यहां ना तो दिव्यांगों को बैठने की कोई व्यवस्था की गई थी और ना ही पीने की पानी का। दोपहर के एक बजे डॉक्टर यहां पहुंचे और अपनी खानापूर्ति कर तीन बजे शिविर का समापन कर चलता बने। ऐसे में दर्जनों दिव्यांगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों से हम बेहद कठिनाई झेल कर शिविर तक पहुंचे परंतु यहां तो शिविर का कोई मतलब ही नहीं रहा। इस बावत चिकित्सा प्रभारी भूषण राणा से पूछे जाने पर उन्होंने कहा साफ़ अपनी पल्ला झाड़ते हुए कहा की, कोई भी व्यवस्था करना मेरे वश में नहीं है। हमें जो भी सुविधा विभाग के द्वारा मुहैया कराया गया है ,हम उसी से सेवा देने का कार्य कर रहे हैं। इधर बीडीओ अमित कुमार ने बताया कि मैं इस अव्यवस्था के लिए सिविल सर्जन से बात करूंगा। लावालौंग से साजिद