सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करने वाले, सोशल मीडिया के जरिये आम जनता को मदद दिलवाने वाले 120 कर्मियों का भविष्य संकट में
पिछले चार माह से वेतन भुगतान नही होने एवं कार्य एक्सटेंशन लंबित रहने को लेकर आज सूचना एवं जन संपर्क विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने राज्य के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, मंत्री सत्यानन्द भोक्ता को ज्ञापन सौंपा। चतरा स्थित मंत्री के आवास पर पहुँच एपीआरओ, एसएमपीओ, कम्प्यूटर ऑपरेटर, रिसेप्शनिस्ट एवं साउंड ऑपरेटर ने सामुहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पत्र में उन्हें फरवरी माह 2022 से वेतन भुगतान नही किए जाने, एक्सटेंशन लंबित रहने एवं पिछले 3 वर्षो से वेतन में वृद्धि नही किए जाने की जानकारी श्रम मंत्री को दी गई। जिसपर मंत्री ने भरोसा जताते हुए संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों से बात कर जल्द वेतन भुगतान, एक्सटेंशन समेत अन्य कार्रवाई करने की बात कही गई।
विदित हो कि राज्य में सूचना और जनसंपर्क विभाग अंतर्गत कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत सभी 120 पदाधिकारी/कर्मी इसलिए नाराज है कि पिछले चार माह से कंपनी ड्रीमलाइन को एक्सटेंशन देने और इनके बकाया वेतन देने की फाइल आइएएस राजीव अरूण एक्का के पास पड़ी है. राजीव अरूण एक्का आईपीआरडी के प्रमुख सचिव है. लेकिन इनके स्तर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. कर्मियों को आश्वासन मिला था कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। वहीं कंपनी “ड्रीम लाइन’ के अधीन काम कर रहे 120 पदाधिकारियों/कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने को लेकर विभाग द्वारा एक चार सदस्यीय कमिटी बनायी गयी थी. कंपनी ने दिये अपने रिपोर्ट में एक साल का एक्टेंशन देने का सुझाव दिया. सुझाव की फाइल राजीव अरूण एक्का को दी गयी. पर चार माह बाद तक वे कुछ भी निर्णय नहीं ले पाये हैं।
दरअसल आईपीआरडी अंतर्गत कार्यरत 120 कॉन्ट्रैक्ट कर्मी फरवरी 2019 में ड्रीमलाइन के द्वारा भर्ती कराये गये थे. चार माह पहले यानी 4 फरवरी 2022 में इस कंपनी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया. उसके बाद कंपनी ने सभी कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने का भरोसा दिलाकर काम जारी रखवाया. 12 अप्रैल को सभी कर्मियों को कंपनी द्वारा ईमेल कर जानकारी दी गयी कि एक्सटेंशन का फैसला नहीं हुआ है. अगर विभाग एक्सटेंशन को रद्द करती है, तो उसी समय से सभी की सेवाएं रदद् कर दी जाएगी.
*बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर उठाया सवाल*
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कर्मियों की स्थिति को देख सरकार पर हमला बोला है. बाबूलाल ने लिखा है कि नियुक्ति वर्ष में खोखले वादों के बाद झारखंड सरकार अब लोगों की नौकरियां भी छिनने में लगी है। आईपीआरडी में बाह्य स्रोत से संविदा में काम कर रहे एपीआरओ, एसएमपीओ सहित 120 कर्मी चार माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. सरकार ने कंपनी का ही एग्रीमेंट रिन्यू नहीं किया है।
पिछले चार माह से वेतन भुगतान नही होने एवं कार्य एक्सटेंशन लंबित रहने को लेकर आज सूचना एवं जन संपर्क विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मियों ने राज्य के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, मंत्री सत्यानन्द भोक्ता को ज्ञापन सौंपा। चतरा स्थित मंत्री के आवास पर पहुँच एपीआरओ, एसएमपीओ, कम्प्यूटर ऑपरेटर, रिसेप्शनिस्ट एवं साउंड ऑपरेटर ने सामुहिक रूप से ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पत्र में उन्हें फरवरी माह 2022 से वेतन भुगतान नही किए जाने, एक्सटेंशन लंबित रहने एवं पिछले 3 वर्षो से वेतन में वृद्धि नही किए जाने की जानकारी श्रम मंत्री को दी गई। जिसपर मंत्री ने भरोसा जताते हुए संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों से बात कर जल्द वेतन भुगतान, एक्सटेंशन समेत अन्य कार्रवाई करने की बात कही गई।
विदित हो कि राज्य में सूचना और जनसंपर्क विभाग अंतर्गत कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत सभी 120 पदाधिकारी/कर्मी इसलिए नाराज है कि पिछले चार माह से कंपनी ड्रीमलाइन को एक्सटेंशन देने और इनके बकाया वेतन देने की फाइल आइएएस राजीव अरूण एक्का के पास पड़ी है. राजीव अरूण एक्का आईपीआरडी के प्रमुख सचिव है. लेकिन इनके स्तर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. कर्मियों को आश्वासन मिला था कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। वहीं कंपनी “ड्रीम लाइन’ के अधीन काम कर रहे 120 पदाधिकारियों/कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने को लेकर विभाग द्वारा एक चार सदस्यीय कमिटी बनायी गयी थी. कंपनी ने दिये अपने रिपोर्ट में एक साल का एक्टेंशन देने का सुझाव दिया. सुझाव की फाइल राजीव अरूण एक्का को दी गयी. पर चार माह बाद तक वे कुछ भी निर्णय नहीं ले पाये हैं।
दरअसल आईपीआरडी अंतर्गत कार्यरत 120 कॉन्ट्रैक्ट कर्मी फरवरी 2019 में ड्रीमलाइन के द्वारा भर्ती कराये गये थे. चार माह पहले यानी 4 फरवरी 2022 में इस कंपनी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया. उसके बाद कंपनी ने सभी कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने का भरोसा दिलाकर काम जारी रखवाया. 12 अप्रैल को सभी कर्मियों को कंपनी द्वारा ईमेल कर जानकारी दी गयी कि एक्सटेंशन का फैसला नहीं हुआ है. अगर विभाग एक्सटेंशन को रद्द करती है, तो उसी समय से सभी की सेवाएं रदद् कर दी जाएगी.
*बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर उठाया सवाल*
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कर्मियों की स्थिति को देख सरकार पर हमला बोला है. बाबूलाल ने लिखा है कि नियुक्ति वर्ष में खोखले वादों के बाद झारखंड सरकार अब लोगों की नौकरियां भी छिनने में लगी है। आईपीआरडी में बाह्य स्रोत से संविदा में काम कर रहे एपीआरओ, एसएमपीओ सहित 120 कर्मी चार माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. सरकार ने कंपनी का ही एग्रीमेंट रिन्यू नहीं किया है।